जो आगे बढ़ते हैं वो दूसरों को अटकाते नहीं और जो दूसरों को अटकाते हैं, वे कभी आगे बढ़ते नहीं


मन कुछ कहता है, बुद्धि कुछ कहती है, समाज कुछ कहता है लेकिन तुम्हारे हृदय की आवाज सबसे निराली है, तो हृदय की आवाज को ही सत्य मानो, क्योंकि और सब की अपेक्षा हृदय परमात्मा से ज्यादा नजदीक है। 


जिसको परमात्मा के स्मरण का मूल्य पता है, जिसने परमात्मा के मार्ग में कदम रखा है उनके लिए संसार की सुविधाएँ, संसार का सुख त्यागना कोई बड़ी बात नहीं है। जो अभागे परमात्मा को त्यागकर बैठे हैं उनको तो संसार का सुख भी नहीं मिलता, थप्पड़ें ही मिलती हैं। 


जो आगे बढ़ते हैं वो दूसरों को अटकाते नहीं और जो दूसरों को अटकाते हैं, वे कभी आगे बढ़ते नहीं। दूसरों को दबाकर, पछाड़कर केवल स्वयं ही आगे बढ़नेवाला हो सकता है खेल में जीत जाए परंतु जिंदगी में तो हार ही जाता है।


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