जो निम्नता से उच्चता प्राप्त करा देवे, उसी को सच्चा हितैषी मानना
अपनों से श्रेष्ठों की हमारे जीवन निर्माण में भूमिका हो तभी वो बड़े कहलाने लायक हैं। जो निम्नता से उच्चता प्राप्त करा देवे, उसी को सच्चा हितैषी मानना।
वे गुरु गुरु नहीं, पिता पिता नहीं, माता माता नहीं, पति पति नहीं, स्वजन स्वजन नही और तो और आपके द्वारा पूजित वो देव भी देव नहीं हैं। जो आपके सदगुणों से सींचकर, चरित्र को सुधारकर एक दिन प्रभु नारायण के चरणों में स्थान ना दिला सकें।
कोई सिखाने वाला और दिखाने वाला हो, और कभी पैर डगमगाने लग जाएँ तो आकर संभाल ले। बाक़ी ऊंचाइयों को प्राप्त करना कोई असम्भव काम नहीं है।