हर आती हुई सांस जीवन है और छोड़ी हई श्वांस मृत्यु


जब जन्म होता है, उसी समय ही मृत्यु काल और मृत्युकारण निश्चित किये जाते हैं। काल को किसी के ऊपर भी दया नहीं आती। वह तो अपने नियत समय पर आयेगा। 


मनुष्य और तो सभी कामों की तैयारी करता है, परन्तु मृत्यु की तैयारी नहीं करता। मौत के लिए प्रतिक्षण सावधान और तैयार रहो। क्या पता कब बुलावा आ जाय। हर आती हुई सांस जीवन है और छोड़ी हई श्वांस मृत्यु।


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