मिथिला सिद्ध दशा का प्रतीक है


अर्थ कमाओ, अर्थ भी देव है। धर्मपूर्वक कमाया है तो, नहीं तो अर्थ, अनर्थ का कारण बनेगा। आप ताकतवर  है तो सोने की नगरी बनाओ। उसके मालिक बनो। 
 


सावधानी इतनी बरतो कि वह नगर द्वारिका हो, लंका न हो। हमारा आदर्श द्वारिकाधीश श्री कृष्ण हो, दशानन रावण नहीं। नीति की नींव पर खड़ी द्वारिका जिसमें भगवान का निवास है, अनीति से बनाई हुई लंका ये भोगवादी नगर है।


रामचरितमानस में तीन नगर है जहाँ प्रभु श्री राम पधारते हैं- अयोध्या, मिथिला और लंका। लंका  जीव की बध्य दशा का प्रतीक है। अयोध्या साधक दशा का प्रतीक है और मिथिला सिद्ध दशा का प्रतीक है। लंका विषयी बध्य है।


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