मानवता सड़क पर कराह रही है, सरकार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पर है - अजय कुमार लल्लू
लखनऊ । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि उ0प्र0 के एक-एक प्रवासी श्रमिक को उनके घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है, ऐसी घोषणा और वादा करने वाली उ0प्र0 की योगी आदित्यनाथ सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है। मुख्यमंत्री को इसी प्रदेश की महान जनता ने इतने विशाल जनादेश से चुना था कहीं उस विशाल जनादेश का बदला तो नहीं है जो प्रवासी मजदूरों से लिया जा रहा है क्योंकि वह श्रमिक हमारे इसी राज्य के निवासी एवं मतदाता हैं जो रोजी-रोटी के लिए कमाने दूसरे राज्यों में गये हुए थे।
उन्होने कहाकि समाचार पत्रों, मीडिया के माध्यम से प्रकाशित हो रही खबरें जिसमें विभिन्न प्रदेशों से पैदल व निजी वाहनों से यात्रा कर रहे परेशान हाल उ0प्र0 के प्रवासी श्रमिकों की हालत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सरकारों ने संवेदनशीलता पूरी तरह से खो दी है। उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम और निजी क्षेत्र के हजारों-हजार बसें मिलकर हमारे देश का सबसे बड़ा बसों का बेड़ा है। इसके बावजूद भी इस भीषण गर्मी में जहां एक आम आदमी के लिए सौ कदम चलना मुश्किल होता है वहां सैकड़ों-सैंकड़ों किलोमीटर अपने बच्चों एवं सामान के साथ हजारों-हजार श्रमिक सड़कों पर पदयात्रा करने को मजबूर हैं। राज्य सरकार के मुखिया जहां देश के सबसे बड़े परिवहन बेड़े का दावा तो करते हैं पर असमय आयी इस विपदा से अपने ही राज्य के दूसरे राज्यों में विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले कामगार और मजदूर की यह पीड़ा उन्हें नहीं दिख रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उ0प्र0 से लगने वाली सभी राज्य की सीमाओं पर राज्य परिवहन निगम की बसें लगायी जाएं और सीमा में प्रवेश करने वाले हमारे प्रवासी मजदूर भाइयों एवं उनके परिजनों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाए। मीलों-मील चलकर थके-हारे आ रहे श्रमिकों के भोजन, पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होने प्रदेश के कई जनपदों के प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर श्रमिकों के लिए भोजन, पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था करने वाले संगठनों को नोटिस जारी किया है कि अगर यह व्यवस्था करते हुए कोई दिखेगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। बुलन्दशहर इसका प्रमुख उदाहरण है। सरकार का यह रवैया हमारे प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ सबसे क्रूरतम कृत्य है।
श्री लल्लू ने बताया कि कोरोना महामारी से आई इस भयानक विपदा से परेशान हाल हमारे श्रमिक और कामगार भाई दूसरे राज्यों से विभिन्न परेशानियों से त्रस्त हो करके अपने राज्य उ0प्र0 को वापस पैदल व निजी वाहनों आदि से जो राज्य की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं वह इस भीषण गर्मी में भूख, प्यास से परेशान हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सिपाही प्रदेश के 21 जनपदों के राष्ट्रीय राजमार्गों पर जगह-जगह स्टाल लगाकर यात्रियों को भोजन, पानी, ग्लूकोज, बिस्किट आदि जरूरी चीजों का इंतजाम कर रहे हैं। हमारे सिपाही जनपद गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, आगरा, मथुरा, बुलन्दशहर, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, झांसी, सीतापुर, लखीमपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, चन्दौली, लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर आदि जनपदों में राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजर रहे मजदूरों को मानवता के आधार पर भोजन, पानी, बिस्किट, ग्लूकोज आदि का प्रबन्ध पिछले 6 दिनों से पूरी सेवा भाव के साथ कर रहे हैं और सरकार भूखे प्यासे श्रमिक भाइयों के लिए इंतजाम कर पाने में अक्षम साबित हो रही है। मानवता सड़क पर कराह रही है, सरकार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पर है।
उन्होने कहाकि समाचार पत्रों, मीडिया के माध्यम से प्रकाशित हो रही खबरें जिसमें विभिन्न प्रदेशों से पैदल व निजी वाहनों से यात्रा कर रहे परेशान हाल उ0प्र0 के प्रवासी श्रमिकों की हालत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सरकारों ने संवेदनशीलता पूरी तरह से खो दी है। उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम और निजी क्षेत्र के हजारों-हजार बसें मिलकर हमारे देश का सबसे बड़ा बसों का बेड़ा है। इसके बावजूद भी इस भीषण गर्मी में जहां एक आम आदमी के लिए सौ कदम चलना मुश्किल होता है वहां सैकड़ों-सैंकड़ों किलोमीटर अपने बच्चों एवं सामान के साथ हजारों-हजार श्रमिक सड़कों पर पदयात्रा करने को मजबूर हैं। राज्य सरकार के मुखिया जहां देश के सबसे बड़े परिवहन बेड़े का दावा तो करते हैं पर असमय आयी इस विपदा से अपने ही राज्य के दूसरे राज्यों में विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले कामगार और मजदूर की यह पीड़ा उन्हें नहीं दिख रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उ0प्र0 से लगने वाली सभी राज्य की सीमाओं पर राज्य परिवहन निगम की बसें लगायी जाएं और सीमा में प्रवेश करने वाले हमारे प्रवासी मजदूर भाइयों एवं उनके परिजनों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाए। मीलों-मील चलकर थके-हारे आ रहे श्रमिकों के भोजन, पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होने प्रदेश के कई जनपदों के प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर श्रमिकों के लिए भोजन, पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था करने वाले संगठनों को नोटिस जारी किया है कि अगर यह व्यवस्था करते हुए कोई दिखेगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। बुलन्दशहर इसका प्रमुख उदाहरण है। सरकार का यह रवैया हमारे प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ सबसे क्रूरतम कृत्य है।
श्री लल्लू ने बताया कि कोरोना महामारी से आई इस भयानक विपदा से परेशान हाल हमारे श्रमिक और कामगार भाई दूसरे राज्यों से विभिन्न परेशानियों से त्रस्त हो करके अपने राज्य उ0प्र0 को वापस पैदल व निजी वाहनों आदि से जो राज्य की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं वह इस भीषण गर्मी में भूख, प्यास से परेशान हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सिपाही प्रदेश के 21 जनपदों के राष्ट्रीय राजमार्गों पर जगह-जगह स्टाल लगाकर यात्रियों को भोजन, पानी, ग्लूकोज, बिस्किट आदि जरूरी चीजों का इंतजाम कर रहे हैं। हमारे सिपाही जनपद गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, आगरा, मथुरा, बुलन्दशहर, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, झांसी, सीतापुर, लखीमपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, चन्दौली, लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर आदि जनपदों में राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजर रहे मजदूरों को मानवता के आधार पर भोजन, पानी, बिस्किट, ग्लूकोज आदि का प्रबन्ध पिछले 6 दिनों से पूरी सेवा भाव के साथ कर रहे हैं और सरकार भूखे प्यासे श्रमिक भाइयों के लिए इंतजाम कर पाने में अक्षम साबित हो रही है। मानवता सड़क पर कराह रही है, सरकार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पर है।