योगी सरकार ले रही है बदला - आराधना मिश्रा ‘मोना’
लखनऊ। मजदूरों की सेवा करने पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से योगी सरकार बदला ले रही है। आज अजय कुमार लल्लू की जमानत पर सुनवाई होनी थी लेकिन पहले की भांति उनकी केस डायरी को फिर से पेश नहीं किया गया। योगी सरकार का मजदूर विरोधी - लोकतंत्र विरोधी चेहरा लगातार उजागर हो रहा है।
उक्त बातें कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना’ ने कही। उन्होंने विगत 28 मई को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अवगत कराया कि विधानमंडल दल के पूर्व नेता, उ0प्र0 कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष और इस सम्मानित सदन के मा0 सदस्य अजय कुमार लल्लू को उ0प्र0 शासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। व्यक्तिगत और राजनैतिक द्वेष के कारण उन पर बेबुनियाद और पूरी तरह से तथ्य रहित मुकदमा थाना केातवाली हजरतगंज जनपद लखनऊ में सरकारी कर्मचारियों से दबाव बनाकर लिखाया गया है।
उन्होने पत्र में लिखा है कि इसके पूर्व जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने 1000 बसों को नोएडा और गाजियाबाद से चलाने के लिए दिनांक 16 मई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और जब मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उसे स्वीकार कर लिया गया तो आगरा-राजस्थान सीमा पर अजय कुमार लल्लू द्वारा उन बसों को उ0प्र0 के अधिकारियों को सौंपने के लिए कहा गया। पहले तो अधिकारियों द्वारा अजय कुमार लल्लू से लगातार झूठ बोला जाता रहा कि अभी बसों को लेते हैं परन्तु बाद में बिना कोई कारण बताये दिनांक 19 मई को उ0प्र0 कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सदस्य विधानसभा अजय कुमार लल्लू , प्रदीप माथुर पूर्व नेता कांग्रेस विधानमंडल दल तथा विवेक बंसल पूर्व सदस्य विधान परिषद को अमानवीय और असम्मान ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरे दिन उन्हें न्यायालय के सामने समय से पेश नहीं किया गया और लखनऊ से पुलिस आने का इंतजार किया गया। चूंकि तथ्यों से परे उन पर दफायें लगायी गयी थी अतः जैसे ही उन्हें आगरा से जमानत मिली, लखनऊ से गयी पुलिस बलपूर्वक अमानवीय ढंग से रात में ही उन्हें लखनऊ ले आयी और सबकी नजरों से बचाकर उन्हें मा. मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
आराधना मिश्रा ने पत्र में लिखा है कि अजय कुमार लल्लू को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस लाया गया, उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया और वकील से भी नहीं मिलने दिया। दूसरे दिन उन्हें लखनऊ जेल/कारागार भेज दिया गया, जहां उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जारहा है, किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मैं बारम्बार मिलने के लिए प्रयास कर रही हूं लेकिन मुझे भी नहीं मिलने दिया जा रहा है।
उन्होने पत्र में आगे लिखा है कि अजय कुमार , अध्यक्ष उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी सदस्य विधानसभा एवं पूर्व नेता विधान मण्डलदल को आगरा में घसीटकर सड़क पर लाया गया, दूसरे दिन तब तक नहीं माननीय न्यायाधीश के सामने उन्हें पेश किया गया जब तक लखनऊ से पुलिस नहीं पहुंच गयी। यदि उन पर थाना कोतवाली हजरतगंज जनपद लखनऊ में मुकदमा दर्ज था तो वे कोई अपराधी नहीं थे, वे विदेश नहीं भाग जाते, उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए था कि वे दर्ज एफ.आई.आर. के खिलाफ मा0 न्यायालय से न्याय ले सकें। तफ्तीश में आरोप के सत्यता की जांच की जाती और उन्हें जांच में सहयोग के लिए बुलाया जाता, यदि वे जांच में असहयोग करते और प्रकरण में दोषी होते तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था किन्तु उन्हें कोई अवसर नहीं दिया गया, यह नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है और मा0 सदस्य विधानसभा के अधिकारों का भी उल्लंघन है।
आराधना मिश्रा ने पत्र में लिखा है कि अजय कुमार लल्लू को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस लाया गया, उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया और वकील से भी नहीं मिलने दिया। दूसरे दिन उन्हें लखनऊ जेल/कारागार भेज दिया गया, जहां उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जारहा है, किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मैं बारम्बार मिलने के लिए प्रयास कर रही हूं लेकिन मुझे भी नहीं मिलने दिया जा रहा है।
उन्होने पत्र में आगे लिखा है कि अजय कुमार , अध्यक्ष उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी सदस्य विधानसभा एवं पूर्व नेता विधान मण्डलदल को आगरा में घसीटकर सड़क पर लाया गया, दूसरे दिन तब तक नहीं माननीय न्यायाधीश के सामने उन्हें पेश किया गया जब तक लखनऊ से पुलिस नहीं पहुंच गयी। यदि उन पर थाना कोतवाली हजरतगंज जनपद लखनऊ में मुकदमा दर्ज था तो वे कोई अपराधी नहीं थे, वे विदेश नहीं भाग जाते, उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए था कि वे दर्ज एफ.आई.आर. के खिलाफ मा0 न्यायालय से न्याय ले सकें। तफ्तीश में आरोप के सत्यता की जांच की जाती और उन्हें जांच में सहयोग के लिए बुलाया जाता, यदि वे जांच में असहयोग करते और प्रकरण में दोषी होते तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था किन्तु उन्हें कोई अवसर नहीं दिया गया, यह नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है और मा0 सदस्य विधानसभा के अधिकारों का भी उल्लंघन है।
आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने पत्र में आगे लिखा है कि अजय कुमार लल्लू को लखनऊ के जिस मुकदमें में गिरफ्तार किया गया है उसके किसी भी प्रपत्र अथवा सूची में उनके कहीं भी हस्ताक्षर नहीं है और न ही कहीं मौखिक रूप से उनके संवाद ही हैं, उन्हें एक षडयंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया है जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
लखनऊ में उनके जमानत प्रार्थनापत्र को येन केन प्रकारेण टाला जा रहा है ताकि उनकी जमानत न हो सके। अजय कुमार लल्लू विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य हैं, एक राष्ट्रीय राजनैतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं उनके साथ किया जा रहा अमानवीय आचरण दोष से परिपूर्ण है।
उन्होने लिखा है कि आप विधानसभा के माननीय अध्यक्ष के रूप में हम सबसे संरक्षक हैं आप हमारे अधिकारों की रक्षा करेंगे, इसकी हमें पूर्ण आशा है।
पत्र में उन्होने अनुरोध किया है कि अजय कुमार लल्लू सदस्य विधानसभा, अध्यक्ष उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के ऊपर दर्ज किया गया मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए और उन्हें ससम्मान रिहा किया जाए तथा उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए, जिन्होने आगरा में और लखनऊ में अजय कुमार लल्लू को अमानवीय एवं असम्मान ढंग से गिरफ्तारकिया और उन्हें प्रताड़ित किया।