भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में शुरू हुआ कोविड-19 परीक्षण केंद्र

नई दिल्ली। कोविड-19 के प्रकोप से लड़ने के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाना एक अहम कड़ी हो सकती है, जिसके लिए संदिग्ध रोगियों के नमूनों का परीक्षण महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यही कारण है कि देशभर में कोविड-19 की परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक प्रयास के तहत देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में भी अब कोविड-19 की एक नयी परीक्षण सुविधा शुरू की गई है।


देहरादून स्थित आईआईपी; वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर) की एक घटक प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला में रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमेरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) पद्धति से कोविड-19 रोगियों के नमूनों का परीक्षण प्रारंभ किया गया है। आईआईपी के निदेशक डॉ अंजन रे ने कहा है कि “आईआईपी एक पेट्रोलियम संस्थान है। पर, कोविड-19 की मौजूदा चुनौती को देखते हुए संस्थान द्वारा यह पहल की गई है।”


इसके लिए संस्थान के परिसर में अत्याधुनिक जैव-सुरक्षा तकनीकों से लैस प्रयोगशाला स्थापित की गई है। बुधवार को उत्तराखंड के अपर स्वास्थ्य सचिव युगल किशोर पंत ने इस परीक्षण सुविधा का उद्घाटन करते हुए कहा कि “इस पहल से राज्य में कोविड-19 के परीक्षण में तेजी लाने में मदद मिल सकेगी।”


डॉ अंजन रे ने बताया कि “सीएसआईआर के वित्तीय सहयोग से आईआईपी द्वारा आरटी-पीसीआर आधारित यह कोविड-19 परीक्षण सुविधा स्थापित की गई है। यहाँ विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा आवश्यक जैव सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हुए एक दिन में 100 नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है।”


डॉ. अंजन रे ने कहा कि इस सुविधा को प्रारंभ करने के लिए हमारी टीम नियमित रूप से उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा सभी सरकारी अस्पतालों के संपर्क में बनी हुई थी और सबके सहयोग से अंततः इस कोविड-19 नमूना परीक्षण सुविधा की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा - इस पहल के बाद आईआईपी में भी कोविड-19 के परीक्षण के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला बन गई है। इस परीक्षण सुविधा में आईसीएमआर द्वारा निर्धारित नियम एवं मानकों के अनुसार कोविड-19 के नमूनों का परीक्षण किया जाएगा।


आईआईपी द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश तथा दून अस्पताल के साथ इस संबंध में मार्गदर्शन तथा परीक्षण परिणामों के प्रमाणीकरण के लिए एक करार किया गया है। जबकि, संस्थान को परीक्षण किट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उपलब्ध करायी जा रही है।


आईआईपी में स्थापित इस सुविधा का निर्माण अस्थायी पोर्टा केबिन के प्रयोग से किया गया है। इस तरह के मॉडल का उपयोग सुदूर क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार आसानी से ऐसी परीक्षण सुविधा का निर्माण करने में किया जा सकता है।


इस कोविड-19 परीक्षण सुविधा का संचालन डॉ. टी भास्कर के नेतृत्व में आईआईपी के वैज्ञानिकों का एक दल करेगा, जिसमें डॉ. देवाशीष घोष, डॉ. सुनील के. सुमन, डॉ. दीप्ति अग्रवाल तथा डॉ. दीपतारिका दासगुप्ता एवं अन्य प्रशिक्षित तकनीशियन शामिल हैं।


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