अखिल भारतीय प्रभाव आधारित गंभीर मौसम चेतावनी
नई दिल्ली। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की जो इस प्रकार हैं -
- दक्षिण पश्चिम झारखंड और समीपवर्ती क्षेत्र के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर छत्तीसगढ़, उत्तर मध्य प्रदेश और दक्षिण उत्तर प्रदेश में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और उसके बाद धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है।
- मॉनसून के पश्चिमी छोर पर कम दवाब का क्षेत्र हिमालय की तलहटी के करीब होकर गुजर रहा है और पूर्वी छोर इसकी सामान्य स्थिति के दक्षिण की तरफ बढ़ रहा है। पश्चिमी छोर के कल से दक्षिण की तरफ बढ़ने की संभावना है और इसके बाद अगले 2 दिनों के लिए अपनी सामान्य स्थिति के साथ बने रहेगा। बाद में यह 4-5 दिनों के लिए हिमालय की तलहटी में उत्तर की तरफ बढ़ेगा।
- इसके अलावा, कल से अरब सागर से दक्षिण-पश्चिम की तरफ निचले स्तर पर तेज हवाएं चल सकती हैं और बंगाल की खाड़ी से आने वाली तेज़ हवाएं बाद के 2 दिनों में उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों की तरफ रूख कर सकती हैं।
उपरोक्त प्रणालियों के प्रभाव में:
- पूर्वी मध्य प्रदेश में 27 और 28 तारीख को तथा छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 27 अगस्त, 2020 को अलग-अलग जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
- उत्तराखंड और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 31 तारीख तक तेज बारिश होने की संभावना है। 27 और 28 तारीख को पंजाब; 28 और 29 तारीख को हरियाणा, चंडीगढ़ और 29 से लेकर 31 अगस्त के दौरान पश्चिम राजस्थान; 28 से 31 अगस्त, 2020 के दौरान पूर्वी राजस्थान में तेज बारिश होने की संभावना है। 29 से 30 अगस्त, 2020 को पूर्वी राजस्थान में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
अगले 5 दिनों के दौरान मौसम को लेकर जारी चेतावनी *
27 अगस्त (दिन 1):
पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्य़धिक भारी बारिश होने की संभावना है; तेलंगाना और पश्चिम मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्यधिक बारिश और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड, असम और मेघालय, तटीय आंध्र प्रदेश और यानम, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गांगेय पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा और तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गरजने के साथ-साथ आंधी तूफान आने की संभावना है।
दक्षिण पश्चिम और पश्चिम मध्य अरब सागर के ऊपर तेज हवा (50-60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की गति) चलने की संभावना है। बंगाल की उत्तरी खाड़ी के साथ-साथ ओड़िशा-बंगाल के तटों के ऊपर भी तेज हवा (हवा की गति 45- 50 किमी प्रति घंटे तक) चलने की संभावना है। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे समुद्र तट की तरफ ना जाएं।
28 अगस्त (दिन 2):
- पूर्वी मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है; पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है और उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, गुजरात राज्य, कोंकण और गोवा और तेलंगाना में पृथक स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
- जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम तथा त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ-साथ तेज आंधी तूफान चलने की संभावना है।
- दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर तेज हवा (45-55 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से) चलने की संभावना है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।
29 अगस्त (दिन 3):
- पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात राज्य और कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पश्चिम राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
- राजस्थान, झारखंड, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा और आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ-साथ आंधी तूफान चलने की संभावना है।
- दक्षिण पश्चिम अरब सागर में तेज हवा (50-60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार) चलने की संभावना है। गुजरात के तटीय इलाकों में (45-55 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार) से हवा चलने की संभावना है। इन इलाकों में मछुआरों को नहीं जाने की सलाह दी जाती है।
30 अगस्त (दिन 4):
- पूर्वी राजस्थान और सौराष्ट्र तथा कच्छ में अलग-थलग स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है और उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, गुजरात क्षेत्र, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
- राजस्थान, झारखंड, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल और केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने तथा आंधी तूफान चलने की संभावना है।
- दक्षिण पश्चिम अरब सागर पर तेज हवा (45-55 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार) चलने की संभावना है। गुजरात के तट पर मौसमी हवा ( 45-55 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार) चलने की संभावना है। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे इन क्षेत्रों में इलाकों में ना जाएं।
31 अगस्त (दिन 5):
- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल और केरल तथा माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
- राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ आंधी तूफान आने की संभावना है।
- दक्षिण पश्चिमी अरब सागर के ऊपर तेज हवा ( 45-55 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार) चल सकती है। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे इन इलाकों में जाने से बचें।
भारी बारिश के कारण 27 और 28 को पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ तथा 27 अगस्त को छत्तीसगढ़ निम्न तरह के हालात पैदा हो सकते हैं-
- सड़कों पर अत्यधिक पानी जमा हो सकता है, निचले इलाकों में जल भराव और मुख्य रूप से शहरी इलाकों में अंडरपासों को बंद किया जा सकता है।
- भारी बारिश के कारण दृश्यता में कभी-कभी कमी भी आ सकती है।
- सड़कों पर जलभराव के कारण प्रमुख शहरों यातायात में दिक्कत आ सकती है और यात्रा का समय बढ़ सकता है।
- कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान।
- कमजोर संरचना को नुकसान की संभावना।
- स्थानीय स्तर पर भूस्खलन की सभावना।
- सैलाब के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान।
- इससे नदी के जलग्रहण क्षेत्र बाढ़ आ सकती है। बाढ़ की स्थिति जानने के लिए केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट (http://www.cwc.gov.in/) पर विजट कर सकते हैं
- विशेष रूप जिलेवार प्रभाव के लिए कृपया आईएमडी के राज्य स्तर का मौसम विज्ञान केंद्र की वेबसाइट (https://mausam.imd.gov.in/imd_latest/contents/departmentalweb.pp ) और राष्ट्रीय वेबसाइट (https://mausam.imd.gov.in/ ) पर विजिट करें।
सुझाई गई कार्रवाई
- अपने गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले अपने मार्ग पर यातायात की स्थिति की जांच कर लें।
- इस संबंध में जारी की गई किसी भी यातायात निर्देशिका का पालन करें।
- उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां अक्सर जल भराव की समस्या का सामना करना पड़ता है
- कमजोर इमारतों में रहने से बचें।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर निम्न प्रकार के प्रभाव की उम्मीद है-
- समुद्र में अत्यधिक तेज लहरें उठ सकती हैं
- 45 से लकर 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
सुझाई गई कार्रवाई
- मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे इन क्षेत्रों में न जाएं।