भागवत शब्द अनेकार्थवाची है
भगवान के द्वारा कहे गए धर्म ही भागवत धर्म है। भागवत शब्द अनेकार्थवाची है। शरणागति भागवत धर्म है। समर्पण ही भागवत धर्म है।
भगवान का अनन्य भक्त बन जाना ही भागवत धर्म है। नवधा भक्ति भागवत धर्म है। प्रेमलक्षणा भक्ति भी भागवत धर्म है।
भागवत में वर्णित सिद्धान्त भगवान के भक्तों के चरित्र ये सभी भागवत धर्म हैं। हमारे शरीर , इंद्रियों तथा मन से किये गये समस्त कार्यो का भगवान में समर्पण ही श्रेष्ठ भागवत धर्म है।