स्मार्ट मीटर के नाम पर कितना घोटाला हुआ है , सार्वजिनक करे सरकार - अखिलेश यादव


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सबका साथ, सबका विश्वास का नारा देनेवाली भाजपा ने खुद ही इसे बेमानी बना दिया है। उसके काम और मंशा से जाहिर है कि जनता की तकलीफों की उसे फिक्र नहीं और सुविधाओं के नाम पर भाजपा नेतृत्व को सिर्फ अपनी सुविधाओं का ही ख्याल रहता है। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भाजपा सरकार ने लाखों उपभोक्ताओं के घरों में अंधेरा कर दिया। श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की खुशियों पर पानी डालने का काम पहली बार हुआ है। जनता की श्रद्धा और आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ इससे पहले कभी नहीं हुआ।


12 अगस्त 2020 को राजधानी लखनऊ सहित प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी तथा मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर तक में उपभोक्ता बिना बिजली परेशान रहे। मेरठ, मथुरा, प्रयागराज, सहारनपुर, फिरोजाबाद, अलीगढ़, बरेली में घरों की बिजली गुल हुई। उत्तर प्रदेश में त्योहारों पर पर्याप्त बिजली आपूर्ति के बड़े-बड़े दावों का झूठ सामने आ गया है। दोपहर लगभग 03ः00 बजे बिजली की आपूर्ति बन्द हो गई और रात तक भी कई जनपदों में स्थिति सामान्य नहीं हो सकी। ऊर्जामंत्री, उपमुख्यमंत्री, तक के इलाके भी अंधेरे में डूबे रहे।


सुदूर जनपदों की तो छोड़िए, राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज, चिनहट, गोमतीनगर, जानकीपुरम, महानगर, सरोजनीनगर, बालागंज, चैपटिया, आशियाना, बीकेटी, राजाजीपुरम में विद्युत उपकेन्द्रों से बिजली बन्द हो गई। विधायक निवासों में भी बिजली बाधित रही।


सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने विद्युत स्थिति में सुधार के लिए कोई रूचि नहीं ली। उसके कार्यकाल में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। समाजवादी सरकार के बने बिजली घरों से ही विद्युत आपूर्ति हो रही है। समाजवादी सरकार में ही अण्डरग्राउण्ड कैबलिंग शुरू हुई थी। भाजपा राज में वह भी अवरूद्ध है।


जो स्मार्ट मीटर लगे हैं उनकी गुणवत्ता पर संदेह है। उस सम्बंध में मुख्यमंत्री तक शिकायतें पहुंची पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जांच होने पर सच्चाई का पता चल जायेगा। स्मार्ट मीटर के नाम पर कितना घोटाला हुआ है इसकी पोल-पट्टी सार्वजिनक होनी चाहिए। इतने बड़े काण्ड के लिए कौन जिम्मेदार है? अब तक तो कोई जांच या कार्यवाही नहीं हुई है, यह भाजपा राज में घोटाले का नया मामला तो नहीं है?


वस्तुतः भाजपा सरकार जनसमस्याओं के निदान में रूचि लेने के बजाय सत्ता के दुरूपयोग और भ्रष्टाचार पर रोक के दिखावे में ही ज्यादा रूचि लेती है। उनके राज में प्रदेश में विकास की गति अवरूद्ध हुई है और नफरत, अफवाह तथा समाज को बांटने वाली गतिविधियों को ही प्रोत्साहन मिला है। भाजपा राज में जनता को तबाही के अलावा कुछ और नहीं मिला है।


समाजवादी पार्टी की मांग है कि स्मार्ट मीटर तुरन्त हटवाये जाये तथा तेजी से दौड रहे इन मीटरों के जरिये उपभोक्ताओं की हुई लूट की भरपाई सरकार करें। उपभोक्ताओं के छः महीनों के बिजली के बिल माफ किये जाये। किसानों के ट्यूबवेलों से सभी प्रकार के मीटर हटाकर पहले की तरह ही व्यवस्था बहाल की जाये।


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