‘कुसुम योजना’ से लाभान्वित होंगे लघु एवं सीमान्त श्रेणी के किसान - मुख्यमंत्री


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज लोक भवन में सौर ऊर्जा चालित मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना का नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई विभाग) द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। यह योजना इस प्रकार संचालित की जाए, जिससे अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें।


मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि यह योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश में संचालित की जाएगी। इसके अंतर्गत नलकूप के सबमर्सिबल पम्प का संचालन ग्रीन ऊर्जा (सौर ऊर्जा) के माध्यम से किया जाएगा। यह योजना भारत सरकार की ‘कुसुम योजना’ से पोषित होगी। इस योजना से लघु, सीमान्त एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषक समूह लाभान्वित होंगे।इस योजना के द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति की पात्रता के लिए आवश्यक होगा कि न्यूनतम 10 सदस्यों का समूह हों और उसमें समस्त कृषक लघु सीमान्त श्रेणी के 50 प्रतिशत से अधिक सदस्य अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे। 20 वर्ग मीटर की जमीन समूह के किसी एक सदस्य के द्वारा दान कर अनुबन्ध की जाएगी। इसी प्रकार इस योजना के सामान्य लाभार्थियो की पात्रता हेतु अर्हता के लिए न्यूनतम 10 सदस्यों का समूह होगा और ये सभी कृषक, लघु एवं सीमान्त श्रेणी के होंगे। इनके समूह के भी किसी एक सदस्य को 20 वर्ग मीटर जमीन अनुबन्ध के तौर पर देनी होगी।


इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी0 वेंकटेश, प्रमुख सचिव नमामि गंगे, पेयजल योजना, लघु सिंचाई तथा भू-गर्भ जल विभाग अनुराग श्रीवास्तव, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 


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