मेरी सांसों में है कांग्रेस - रामकिशोर त्रिवेदी


उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के राम किशोर त्रिवेदी को मुंबई कांग्रेस का प्रवक्ता बनाया गया है। पेशे से पत्रकार त्रिवेदी को मंगलवार को मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड़ ने मुंबई कांग्रेस कार्यालय में उन्हें मनोनयन पत्र सौंपा। वह मुंबई में 90 के दशक से पत्रकारिता कर रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वीरेंद्र बक्सी, मधुकांत शुक्ला, मधु चव्हाण, संदीप शुक्ला, यशवंत सिंह ,राजू ठक्कर ने उन्हें बधाई दी।


उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से ताल्लुक रखने वाले राम किशोर त्रिवेदी ने 90 के दशक में मुंबई से पत्रकारीय कैरियर की शुरुआत की और फिर अपनी बेबाक  रिपोर्टिंग  की बदौलत उन्होंने जल्द ही मुंबई जैसे मेट्रोपॉलिटन सिटी में  एक मुकाम हासिल कर लिया। अपने 27 साल लंबे पत्रकारिता के कॅरियर में त्रिवेदी ने देश के नामचीन अखबारों के विभिन्न पदों पर काम किया। वे हिन्दी पत्रकारिता जगत का एक जाना पहचाना नाम बन गए। उनकी पत्रकारिता की धाक दिल्ली तक पहुंची जब उन्होंने प्रतिष्ठत अखबार पंजाब केसरी ज्वाइन किया। जल्द ही उनकी नियुक्ति राजनीतिक संपादक पद पर कर दी गई। कॅरियर के इस दौर में उन्होंने महाराष्ट्र और केंद्र की राजनीति को काफी नजदीक से देखा, उसे लगातार कवर किया और कई अनगिनत स्टोरीज ब्रेक की। इसी वजह से उन्हें राजनीतिक पत्रकारिता का एक महारथी माना जाता है। इस दौरान उनका साप्ताहिक कॉलम "मास्टर स्ट्रोक" काफी सुर्खियों में रहा, जिसे मुंबई और दिल्ली के राजनीतिक हल्कों में काफी गंभीरता से पढ़ा जाता था।


त्रिवेदी के पत्रकारीय कैरियर में एक दूसरा बड़ा मोड़ 2017 में तब आया जब उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित हिंदी सांध्य दैनिक "दो बजे दोपहर" को टेकओवर कर उसे एक नया तेवर और कलेवर प्रदान किया। उनकी इस उद्यमशीलता को मुंबई की हिंदी पत्रकारिता के जगत में खूब सराहना मिली। कारपोरेट क्षेत्र में भी अच्छी पकड़ रखने वाले त्रिवेदी के नेतृत्व में इस सांध्य दैनिक ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में इन्श्योरेन्स सेक्टर की नामचीन कंपनियों को एकजुट कर एक नैशनल समिट आयोजित किया। अपनी लीडरशिप की बदौलत उन्होंने "दो बजे दोपहर" को एक नई बुलंदी पर पहुंचाया।


त्रिवेदी ने कहा कि वह मूल रूप से वह रायबरेली से हैं। जिस तरह से काँग्रेस का रायबरेली से पुराना और अटूट नाता है, उसी तरह उनका और उनके परिवार का भी कांग्रेस से पुराना नाता रहा है। कांग्रेस मेरी सांसो में बसती है। हमने अपना बचपन रायबरेली में बिताया और यह देख देखकर बड़े हुए कि किस तरह से इंदिरा गांधी, सोनिया, राहुल और प्रियंका रायबरेली के हर परिवार को अपना परिवार का हिस्सा मानते आए हैं। मैंने इसे स्वयं देखा और महसूस किया है। मैं समझता हूं कि मेरे जैसे लोग कॉंग्रेस परिवार से सक्रिय रूप से जुड़ें और पार्टी का हमसफ़र बन देशसेवा में सहभागी बनें। यही वजह है कि पत्रकारिता को अलविदा कह मैंने कांग्रेस और देश को मजबूत करने के लिए इस पार्टी में आधिकारिक प्रवेश लिया है।


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