सरकार ने जीवन प्रमाण-पत्र जमा करने के मौजूदा समय सीमा में दी ढील - डॉ. जितेंद्र सिंह
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार),प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक,लोक शिकायत, पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बुजुर्ग लोगों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने जीवन प्रमाण-पत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने की मौजूदा समय-सीमा में ढील दी है।
केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगी 1 नवंबर, 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। पहले पेंशन की निरंतरता बनाए रखने के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का काम नवंबर के महीने तक ही हुआ करता था। हालांकि,80 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के पेंशनभोगी 1 अक्टूबर, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इस विस्तारित अवधि के दौरान पेंशन प्रदाता प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा निर्बाध भुगतान जारी रखा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बारे में फैसला जारी कोविड -19 महामारी और कोरोना वायरस की चपेट में बुजुर्ग लोगों के जल्द आने की आशंका के मद्देनज़र लिया गया। इस फैसले के अलावा, 9 जनवरी,2020 की तारीख में आरबीआई की जारी अधिसूचना के अनुसार, जो ग्राहक की पहचान स्थापित करने के लिए सहमति आधारित वैकल्पिक विधि के रूप में वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) की अनुमति देता है, पेंशन संवितरण बैंकों को भी शाखाओं में भीड़ से बचने के लिए आरबीआई के दिशा-निर्देशों द्वारा अनुमत सीमा तक पेंशनभोगियों से जीवन प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए ऊपर बताई गई विधि का पता लगाने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार के प्रत्येक पेंशनभोगी को अपनी पेंशन जारी रखने के लिए नवंबर के महीने में जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। पेंशनभोगी बैंक शाखाओं में जाकर जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं,हालांकि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा दे रहा है,जिसे घर से भी भेजा जा सकता है।
वर्ष 2019 में,बहुत वरिष्ठ पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सहूलियत के लिए अतिरिक्त समर्पित समय देते हुए विभाग ने 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के पेंशनभोगियों को हर साल 1 नवंबर के बजाय 1 अक्टूबर से ही जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में आदेश जारी किए ताकि वे नवंबर के महीने में भीड़भाड़ से बच सकें।