प्रेम होगा तो नेत्रों में आँसू आ जावेगा
महाराज जी भक्तों को उपदेश दे रहे हैं कि:
जब किसी देवी -देवता से ( सच्चा ) प्रेम होगा तो नेत्रों में आँसू आ जावेगा, रोम- रोम पुलकावली (रोमांचित) होने लगेगी, कंठ गद-गद हो जावेगा। यह मन लगने की पहली सीढ़ी पर पैर रखना है।
संभवतः एक अद्वितीय सी अनुभूति (an ecstasy, a unique sensation) होती है जब कभी -कभी हम परमात्मा की भक्ति में, प्रेम में इतने भावविभोर हो जाते हैं कि हमारे आँखों में आंसू अपने आप बहने लगते हैं- फिर चाहे परमात्मा निराकार रूप में हों या उनकी कोई मूर्ति या चित्र सामने हो हमारे आराध्य के रूप में ….
महाराज जी की कृपा से उनके सच्चे भक्त ऐसे ही अपने इष्ट की भक्ति में बह जाते होंगे।
महाराज जी सबका भला करें।