लोक संकल्प पत्र के वादे पर एक कदम भी नही चल पायी योगी सरकार- उ0प्र0 कांग्रेस


लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2017 के विधानसभा चुनाव में किसानों से अपने लोक संकल्प पत्र में किया गया एक भी वादा नहीं निभाया। गन्ना किसानों को 14 दिन में भुगतान करने तथा 120 दिन में पुराने बकाया भुगतान का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ।

किसानों की आय दो गुनी करने का वादा था किन्तु डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली एवं अन्य कृषि उपकरणों पर मंहगाई की मार से किसानों की लागत को ही दो गुना कर दिया। जिससे किसान तबाह और बर्बाद हो गए। उसके सभी दावे हवाहवाई साबित हुए। किसान की पीड़ा को समझने के स्थान पर भाजपा सरकार लगातार उन्हें उत्पीड़ित करने का काम कर रही है। कृषि लोन के बकाए की वसूली पर भी किसानों को उत्पीड़ित करने का काम सरकार करती रही है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डा0 उमा शंकर पांडेय ने भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि किसान आंदोलन से बौखलाकर यह भ्रम की नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं।

किसानों को 4 वर्ष के शासनकाल में बर्बाद करने में हर स्तर पर प्रयास किया गया। विधानसभा चुनाव में अपने लोक संकल्प पत्र में किसानों से किए गए वादे सत्ता में आने के बाद पूरे नही किये। किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जमा की गयी प्रीमियम का चैथाई हिस्सा भी नहीं मिला जबकि ओलावृष्टि, दैवीय आपदा में उसकी फसल बर्बाद हुई। किसानों के साथ क्रूर मजाक करते हुए सवा दो रुपये तक के चेक दिये गए। प्रत्येक किसान को साईल हेल्थ कार्ड व एनर्जी एफिशिएंट पम्प देना तो दूर रहा सिंचाई के लिये नलकूप लगवाने पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी तक खत्म कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि प्याज, लहसुन, आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का किसानों से वादा कर सरकार बनाने वाली भाजपा इस वादे पर खरा उतरना तो दूर नकदी फसलों की बर्बादी पर एक शब्द भी नहीं बोली। दूसरी तरफ गन्ना किसानों के लिये राज्य परामर्शदात्री मूल्य तक का पिछले 3 वर्षों में निर्धारण नही किया। वर्तमान पेराई सत्र में भी किसान जीरो मूल्य अंकित पर्चियां लेकर अपना गन्ना मिलों को देने के लिये मजबूर है। डॉ0 पाण्डेय ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रत्येक ब्लाक में किसानों के लिये भण्डारण गृह की व्यवस्था के किये वादे हों, या सिंचाई के लिये नहरों की सफाई के दावे, वह जमीन पर नही उतरे।

किसान सरकार के विज्ञापन में तो देखता है किंतु जमीनी हकीकत किसान अपनी आंखों से आज तक नहीं देख पाया। डा0 उमा शंकर पांडेय ने कहा कि खेती किसानी व किसानों के हित मे सरकार में काम करने की इच्छाशक्ति कभी प्रदर्शित ही नहीं हुई, यदि होती तो सिंचाई के लिये ग्रामीण इलाकों में विद्युत दरों में बढोत्तरी कर उन्हें पीड़ित करने का काम नहीे करती। उंन्होने कहा कि इवेन्ट एवं हेडलाइन मैनेजमेंट व विज्ञापन के बल पर किसान की तकदीर से खेलना भाजपा सरकार बंद करे।

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