प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से किया सम्बोधित

 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के साझा प्रयासों से देश एवं प्रदेश को विकास की नई दिशा प्राप्त होगी। कोरोना के चुनौतीपूर्ण कालखण्ड में देश को सशक्त नेतृत्व देने व प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि गरीब, युवा, किसान, महिला एवं सभी वर्गों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र से भारत एक विश्व शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है।
 
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट अतुलनीय एवं विकासोन्मुखी है। यह बजट सर्वसमावेशी, सर्वकल्याणकारी और आत्मनिर्भर भारत की मंशा से देश के गांव, गरीब, किसान और नौजवान तथा समाज के प्रत्येक तबके के लिए लाभकारी होगा। मुख्यमंत्री आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की छठी बैठक में अपने सरकारी आवास से वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग करते हुए विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष में वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया, लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में समय से लिए गए निर्णयों से देश आज सुरक्षित है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और समय-समय पर दिये गए मार्गदर्शन से राज्य सरकार ने इस आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री द्वारा लागू गरीब कल्याण पैकेज के फलस्वरूप न केवल भारत के सभी जरूरतमंद नागरिकों को राहत मिली, बल्कि पूरे देश को एकता का एहसास कराते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प चरितार्थ हुआ। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप न केवल दो वैक्सीन विकसित कर पूरे देश को सुरक्षित किया गया, अपितु मित्र देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। आज पूरे देश में वैक्सीन लगाये जाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश 10 लाख लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश द्वारा बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के अन्तर्गत 500 से अधिक रिफॉर्म सफलतापूर्वक लागू करते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में 12वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिये 27 विभागों के साथ निवेश मित्र पोर्टल की स्थापना की गयी है, जिसमें अब तक 227 सेवाएं सम्मिलित की जा चुकी हैं। प्रदेश की सकारात्मक नीतियों के परिणामस्वरूप कोरोना काल में अब तक विभिन्न परियोजनाओं हेतु लगभग 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 06 हजार करोड़ रूपये की लागत के डेटा सेन्टर पार्क, 4800 करोड़ रुपए लागत वाली देश की पहली डिस्प्ले निर्माण यूनिट एवं आईकिया द्वारा 5500 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।
 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु ऑनलाइन लैण्ड बैंक विकसित करते हुए इसे भारत सरकार के इण्डस्ट्रियल इन्फॉर्मेशन सिस्टम से भी जोड़ा गया है। इसके द्वारा 5,590 भूखण्ड आवंटित किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित 4 लाख 68 हजार करोड़ रुपए के सहमति पत्रों के सापेक्ष लगभग 3 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं संचालित हो गई हैं। प्रदेश में डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर प्रदेश विशेषकर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को नई दिशा प्रदान करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके अन्तर्गत 7,410 करोड़ रुपये के 61 सहमति पत्र हस्ताक्षर करते हुए 15 कम्पनियों को भूमि आवंटित की गयी है। हाल ही में बैंगलूरू में आयोजित एयरो इण्डिया शो में 4,500 करोड़ रुपए के 13 नये सहमति पत्र हस्ताक्षरित किये गये।
 
पारम्परिक उद्योगों को बढ़ावा देते हुए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए वर्ष 2018 से ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गई। इस योजना द्वारा सृजित ईको सिस्टम के परिणामस्वरूप पिछले 3 वर्षों में प्रदेश के निर्यात में लगभग 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु गत 04 वर्षों में लगभग 50 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को वित्त पोषित कराते हुए लगभग 1.80 करोड़ से अधिक रोजगार के नये अवसर सृजित हुए हैं। एम0एस0एम0ई0 साथी पोर्टल व एप तथा नये एम0एस0एम0ई0 एक्ट को लागू कर इकाइयों की स्थापना हेतु सभी प्रकार की स्वीकृतियों को 1,000 दिन के लिए स्थगित करते हुए प्रदेश में ऐसी इकाइयों को लगाने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान लगभग 40 लाख से अधिक प्रदेश में लौटे प्रवासी तथा कामगारों को रोजगार संगम नाम से एक पोर्टल के माध्यम से उनके कौशल के आधार पर रोजगार सुलभ कराया गया। राज्य सरकार द्वारा विगत 04 वर्षों में 04 लाख से भी अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी गयीं। देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग वाराणसी से हल्दिया के बीच लगभग 1500 कि0मी0 में क्रियाशील है, जिससे कोयला, खाद्यान्न, सीमेंट, खाद्य तेल तथा बड़े कार्गो के परिवहन में मदद मिलेगी। इस जल मार्ग का कोरोना काल के दौरान प्रदेश से सब्जियों एवं फलों के निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के शुभारम्भ के पूर्व मात्र 1.9 प्रतिशत परिवार ही एफ0एच0टी0सी0 (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन) से आच्छादित थे, जो अब बढ़कर 9.5 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। इस अवधि में 25 लाख से अधिक एफ0एच0टी0सी0 दिए गए हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुरूप वर्ष 2024 तक 100 प्रतिशत एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। किशोरी बालिका योजना प्रदेश के सभी 75 जनपदों में लागू की गई है। इसके अन्तर्गत वर्तमान में 11 से 14 वर्ष आयु की स्कूल न जाने वाली 02 लाख 04 हजार से अधिक किशोरियां लाभान्वित हुईं। आयरन की कमी तथा कुपोषण को दूर करने हेतु पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जनपद चन्दौली में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत फोर्टीफाइड राइस का वितरण माह जनवरी, 2021 से प्रारम्भ कराया गया। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के समस्त जनपदों में इसका वितरण कराया जाएगा।

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