मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा की
लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के
माध्यम से प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर
विकास कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की। अपने
सम्बोधन में उन्होंने कहा कि वर्तमान में फ्रन्टलाइन हेल्थ वर्कर्स एवं
फ्रन्टलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है तथा कतिपय जनपदों में
लक्ष्य से कम वैक्सीनेशन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन का सेशन
प्रारंभ होने के कम से कम 03 दिन पहले सूची तैयार हो जाये तथा इन्टीग्रेटेड
कमाण्ड सेन्टर के माध्यम से सभी सम्बन्धितों से सम्पर्क कर लिया जाये ताकि
सभी को उसकी पहले से जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए
सेशन का निर्धारण विभाग तथा कार्यालयवार किया जाये और सम्बन्धित
विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में अपने स्टाफ को
ब्रीफ कर दें कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इम्युनिटी डेवलप करने
में मदद करती है। उन्होंने कहा कि आगामी सेशन्स में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन
सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने
कहा कि कहीं पर भी अनावश्यक भीड़ एकत्रित न हो। रैली इत्यादि निकलने की
प्लानिंग इस प्रकार से की जाये कि सामान्य ट्रैफिक किसी भी प्रकार से बाधित
न हो। इसके अतिरिक्त निकट भविष्य में पंचायतों के चुनाव होने हैं, जिसके
दृष्टिगत शस्त्र जमा कराने की एडवान्स में प्लानिंग कर ली जाये तथा शस्त्र
लाइसेंस का दुरूपयोग करने वालों का लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही भी
सुनिश्चित की जाये। तालाबों
एवं वेटलैण्ड्स से अवैध कब्जे हटवाने की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य
सचिव ने कहा कि सभी अवैध कब्जे शीघ्र हटवाये जायें तथा भविष्य में दोबारा
कब्जे न हों, इसके लिए जरूरी उपाय सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि
तालाबों को अवैध कब्जों को हटवाकर उनकी हदबंदी करवा दी जाये तथा मनरेगा के
माध्यम से तालाब को गहरा करने व प्लान्टेशन आदि के कार्य भी करवा दिये
जायें।
जल जीवन
मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वीकृत ग्रामों की
सूची चिन्हित वेण्डर्स को शीघ्र उपलब्ध करा दी जाये ताकि समय से डीपीआर
तैयार हो सके। उन्होंने जल जीवन मिशन की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में
तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री
निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा
कि निराश्रित गौवंश सड़कों पर नहीं दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जितने भी
स्थाई अथवा अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल बनाये गये हैं, संचालन की समस्त
व्यवस्थाएं सुनिश्चित रहे। उन्होंने कहा कि नये गौवंश आश्रय स्थल स्थापित
करने को 66 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 47 स्वीकृत कर दिये गये
हैं तथा शेष अगले 3-4 दिनों में स्वीकृत हो जायेंगे।
उन्होंने कहा कि 54
गौआश्रय स्थल और स्वीकृत हो सकते हैं, जिन जनपदों में इसकी आवश्यकता हो, वह
अविलम्ब प्रस्ताव भिजवा दें। निराश्रित गौवंश के भरण-पोषण के लिए माह
फरवरी में 50 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं तथा अगले माह भी 50 करोड़ रुपये
जारी किये जायेंगे और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। मूल्य
समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने
सीएमआर डिलीवरी बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि 01 अप्रैल से गेहूं
खरीद शुरू हो जायेगी, जिसके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय रहते सुनिश्चित
करा ली जायें। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद में ऐसी व्यवस्था की जा रही है
कि किसान को पहले से ही केन्द्र की सूचना मिल जाये।
उन्होंने सभी
जिलाधिकारियों से शीघ्र गेहूं खरीद केन्द्र तथा केन्द्र प्रभारियों की सूची
उपलब्ध कराने को कहा। किसान
सम्मान निधि की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने व
उनकी आय दुगुनी करने के लिए तथा कृषि में गुणात्मक सुधार हेतु कार्य योजना
तैयार की जाये। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए किये जा रहे
कार्यों को भी प्लान में सम्मिलित किया जाये। उन्होंने कहा कि पराली
प्रबन्धन के लिए भी एडवान्स में प्लानिंग करने की जरूरत है तथा इसी क्रम
में बाॅयोफ्यूल पाॅलिसी भी लाई जा रही है। राजस्व
विभाग के कार्याे की समीक्षा में बताया गया कि वरासत दर्ज कराने के अभियान
में 7.53 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 7.21 लाख आर.आई को प्रेषित
तथा उनमें 6.11 लाख में आदेश पारित किये गये हैं।
मुख्य सचिव ने अवशेष
प्रार्थना पत्रों का भी निर्धारित समय सारिणी के अनुसार निस्तारण कराने के
निर्देश दिये। गंगा
एक्सप्रेस-वे परियोजना की समीक्षा में बताया गया कि भूमि क्रय/अधिग्रहण का
कार्य तेजी से चल रहा है तथा माह जून, 2021 तक इसे पूरा कर लिया जायेगा।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से माहवार निर्धारित लक्ष्यों को प्रत्येक दशा
में पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे
परियोजना के लिए धन की कोई कमी नहीं है।