रतनलाल कटारिया ने डीएआईसीके नवागत पोस्ट-डॉक्टरल अध्येताओं से देश की प्रगति में योगदान करने की अपील की
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वित्तीय सहायता से संचालित डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) ने डॉक्टर अंबेडकर डॉक्टरल फैलोशिप और डॉक्टर अंबेडकर पोस्ट-डॉक्टरल फैलोशिप (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) आरंभ की हैं। डीएआईसी ने फरवरी 2021 बैच में 30 पोस्ट-डॉक्टरल अध्येताओं का चयन किया था, जिनमें से 28 राष्ट्रीय और दो अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप वाले हैं।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने आज नई दिल्ली में डीएआईसी के पोस्ट-डॉक्टरल फैलोशिप के अनुकूलन कार्यक्रम में अपने संबोधन में नवागत पोस्ट-डॉक्टरल अध्येताओं से सच्चे अर्थों में इस अवसर का लाभ उठाने और सरकार के“सबका साथ सबका विकास” के विजन से जुड़कर देश की प्रगति में योगदान देने की अपील की।
कटारिया ने कहा, “इन दो वर्षों के दौरान आपको देश के वर्तमान सामाजिक और आर्थिक विषयों को समझना चाहिए, उन पर शोध करना चाहिए और उनके प्रभावी समाधान के लिए देश को उपाय सुझाने चाहिए।“
कटारिया ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान सरकार ने अनुसंधान और शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं जिसके कारण देश के कुछ प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने अपने ज्ञान को दुनिया में स्थापित करना आरंभ किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के विजन के अंतर्गत डीएआईसी जल्दी ही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में शामिल होगा।
सामाजिक और आर्थिक विषयों पर शोध के एक अहम केंद्र के रूप में प्रधानमंत्री ने 7 दिसंबर 2017 को
डॉक्टरअंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) का उद्घाटन किया था। इस केंद्र
की परिकल्पना नीतिगत दस्तावेज तैयार करने और परियोजनाएं, अनुसंधान तथा
जमीनी कार्य संचालित करने वाले सरकार के केंद्र के रूप में की गई है। इस
विजन को पूरा करने के उद्देश्य से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इस
केंद्र को विकसित करने तथा अनुसंधान और मौलिक चिंतन का वातावरण बनाने की
दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसी उद्देश्य से एक पुस्तकालय इस केंद्र
में बनाया गया है जहां गहन डिजिटल संग्रह है।