ई वे बिल पूरी तरह से समाप्त किया जाए - संजय गुप्ता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश चेयरमैन संजय गुप्ता के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों का आठ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल अजय दीक्षित मुख्य आयुक्त ,केंद्रीय गुड्स एंड सर्विस टैक्स से हजरतगंज स्थित कार्यालय में मिला व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य आयुक्त को व्यापारियों को जीएसटी के नए प्रावधान से आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जी एस टी काउंसिल में व्यापारियों की बात पहुंचाने व्यापारी विरोधी प्रावधानों को हटाने तथा संशोधन में भूमिका निभाने का आग्रह किया तथा प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।
व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा कि जी एस टी प्रणाली भारत में अपनी मूल अवधारणा और अपने मूल स्वरूप को खोती जा रही है। जब से जीएसटी लगा है तब से 937 संशोधन इसमें हो चुके हैं, अधिसूचना संख्या 01 /2021 केंद्रीय कर, नई दिल्ली और अधिसूचना संख्या 94/ 2020 ने ईमानदार करदाताओं के लिए परेशानी उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा जीएसटी के नए प्रावधानों के अनुसार आपूर्तिकर्ता द्वारा GSTR -1 में चालान और डेबिट नोट का विवरण नहीं प्रस्तुत किया गया तो iff/gstr-2b का उपयोग कर प्राप्तकर्ता को आईटीसी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा यह प्रावधान वापस लिया जाना चाहिए , इससे व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा, उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिनियम की धारा 129 (1) (क) में संशोधन किया गया है जिसके अनुसार हिरासत में लिए गए /जप्त किए गए माल और वाहन को छोड़ने से पहले जुर्माने के रूप में 100% से 200% तक जुर्माना वसूलनेे का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिनियम की धारा 75 (12) में जोड़े जाने वाला प्रस्तावित संशोधन के अनुसार अगर गलती से कोई व्यक्ति gstr-1 और gstr-3b में गलत आंकड़ा भर देता है तो अंतर को उसके स्व मूल्यांकन कर के रूप में माना जाएगा और उसकी वसूली सीधे धारा 79 के तहत की जा सकती है।
उन्होंने मांग की कि कर के भुगतान के लिए चालान की तिथि दस्तावेज होनी चाहिए ना कि फॉर्म gstr-3b , राष्ट्रीय अग्रिम नियम प्राधिकरण का गठन होना चाहिए और अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन होना चाहिए। प्रत्येक जिले में जीएसटी समिति का गठन होना चाहिए जिसमें वरिष्ठ विभागीय अधिकारी और व्यापारी नेता भी शामिल हो उन्होंने कहा यदि ई वे बिल पोर्टल के साथ साथ किसी भी अनुपालन के लिए जीएसटी पोर्टल में कोई परिवर्तन किया जाता है तो उसी तरह करदाताओं को भी ईमेल s.m.s. व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए।