"संस्कार भारती" अवध प्रांत द्वारा मासिक काव्य गोष्ठी हुई संपन्न

लखनऊ। "संस्कार भारती" अवध प्रांत की, प्रति माह के तीसरे बृहस्पतिवार को आरम्भ होने वाली मासिक काव्य गोष्ठी, तदनुसार इस बार 18 मार्च को संस्था कार्यालय परिसर, 101 न्यू बी ब्लॉक, दारुलशफा, लखनऊ..१(उ.प्र.) में संपन्न हुई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कैलाश बाजपेई ने की, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ अब्दुल सुबहान खान 'शाद' बलरामपुरी व विशिष्ट अतिथि शरद मिश्र सिन्धु, गोष्ठी के संस्थापक आशु कवि कमलेश मौर्य "मृदु", संयोजक: राजीव वर्मा "वत्सल" व टी.टी."सुनील" आदि मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सुन्दर संचालन स्थापित युवा कवित्री सोनी मिश्रा ने किया।


कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री सरला शर्मा की वाणी वंदना से हुई, लखीमपुर से कमलेन्द्र शुक्ल ने 'देशी शिष्टाचार सब बालीवुड गै खाय, लता श्रीवास्तव ने 'सीमाओ के पार न जायें आ अब लौट चलें, सोनी मिश्रा ने 'तेरे चरणो से सिर अपना उठाऊ मैं भला कैसे, डा ममता पंकज ने 'हे ऋतुराज कैसे करे तुम्हारा स्वागत, त्रयंबकेश्वर त्रिवेदी "सुनील" ने 'कैसे सुनायें क्या कहे कैसी है प्यारी नारी, शिखा सिंह ने 'है इज्जत तेरा गहना तो क्या कहना, खुश्बू पाण्डेय ने 'न वतन से ज्यादा कोई भी न्यारा हुआ हमें, हास्य कवि अमित चौहान ने 'जो कर सका न प्रेमपत्र हमारा वो अबकी देखो वेलपत्र करेगा, आशुकवि कमलेश मौर्य मृदु ने अपनी त्वरित रचनाधर्मिता से सबको वाह् वाह् करने पर मजबूर कर दिया। 

इसके अलावा शलभ फैजाबादी, भ्रमर वैसबारी,अरविन्द रस्तोगी, मनमोहन बाराकोटी 'तमाचा लखनवी', पंडित रवीश पाण्डेय, मुनाल" विक्रम विष्ट, सुबोध शारदानन्दन, शरद सिंह 'शरद', गोबर गणेश, राजेश मेहरोत्रा व गोष्ठी के सह ब्यवस्थपक: गगन शर्मा व अभय अग्निहोत्री, अजय द्विवेदी, डा. प्रवीण सिंह जादौन, अरविंद मिश्रा, शिवपाल आदि सहित संस्था परिवार के पदाधिकारियों व स्वजनों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

संगोष्ठी सायं 5 बजे से आरम्भ होकर रात्रि 9 बजे तक चली। कवित्री सोनी मिश्रा व कवि अमित चौहान को उपरोक्त सम्मान से शाल, प्रशस्ति, प्रतीक चिह्न, नारियल भेंट कर संस्था परिवार द्वारा काब्य अभिव्यक्ति की उत्कृष्ठ सेवाओं हेतु सम्मानित किया गया।

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