कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी
लखनऊ। कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार
द्वारा दिनांक 26 अप्रैल, 2021 द्वारा निर्गत गाइडलाइन्स के अनुपालन में
प्रदेश सरकार द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त
जानकारी देते उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा
कि कोविड-19 के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम उठाये जाएं
एवं उनका अनुपालन कराया जाये।
उन्होंने बताया कि वायरस संचरण मानवीय
सम्पर्क के माध्यम से फैलता है, वायरस संचरण को रोकने के लिए आवश्यक
रणनीतियों में न केवल वायरस के प्रसार को प्रतिबन्धित करना शामिल है बल्कि
मानवीय सम्पर्क को भी प्रतिबन्धित करना शामिल है। उन्होंने बताया कि
व्यक्तिगत क्रियाएं जैसे मास्क पहनना, दूसरों से 06 फीट की दूरी बनाये
रखना, अपने हाथों को समय-समय पर सैनेटाइज करना और किसी भी भीड़-भाड़ वाले
क्षेत्रों में शामिल न होना। ऐसे व्यक्ति जिनके पाॅजिटिव होने का संदेह है
तथा सार्स-कोव-टू पाॅजिटिव व्यक्ति SARI मामलों, फ्लू जैसे लक्षणों को
प्रकट करने वाले व्यक्तियों इत्यादि का परीक्षण कर क्वारंटाइन किया जाये और
यह सुनिश्चित किया जाये कि वे इकट्ठे न हो और इस प्रकार वे संक्रमण को
फैलाने में सक्षम न हो सके। समस्त पाॅजिटिव व्यक्तियों तथा उनके सम्पर्क
में आने वाले अन्य लोगों को क्वारंटाइन, आइसोलेट किया जाये तथा उनका
परीक्षण किया जाये।
उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे स्थान जहां एक
समूह के रूप में ऐसे मामले पाये जाते हैं तथा जहां व्यक्तिगत या पारिवारिक
रूप से उनकी मदद नहीं की जा सकती है, ऐसे मामलों में एक निश्चित सीमा तथा
कड़े नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए कन्टेनमेन्ट जोन का निर्माण किया जाये
ताकि संक्रमण को बाहर फैलने से रोका जा सके। यह समस्त विश्व में पालन किये
जाने वाले रणनीतियों के अनुरूप है साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय के एसओपी में
भी इस बात का उल्लेख किया गया है अर्थात् एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र जैसे कि
शहर या जिला अथवा इस प्रकार के अन्य स्थान जहां ऐसे मामले बहुत अधिक हैं और
लगातार उनमें बढ़ोत्तरी हो रही है, को भौतिक रूप से कन्टेन किये जायें।
हालांकि सार्वजनिक परिवहन के संचालन की अनुमति होगी। ऐसे विशिष्ट क्षेत्र
जहां गहन कार्यवाही तथा स्थानीय नियंत्रण को लागू किया जाना आवश्यक है, को
भली-भांति समक्षा जाये जैसे कि शहर, कस्बा, कस्बों का हिस्सा, जिला
मुख्यालय, अर्द्ध शहरी इलाके, नगर पालिका वार्ड एवं पंचायत क्षेत्र आदि।
उन्होंने
यह भी बताया कि गहन कार्यवाही और स्थानीय नियंत्रण के लिए चिन्हित
क्षेत्रों पर हस्तक्षेप के रणनीतिक क्षेत्र के तहत मुख्य रूप से ध्यान दिया
जाये कि प्रसार को रोकने के लिए कन्टेनमेन्ट क्षेत्रों पर फोकस प्रमुख
दृष्टिकोण होगा। रात्रि कफ्र्यू के दौरान व्यक्तियों के आवागमन को, सिवाय
आवश्यक क्रियाओं के सख्ती से प्रतिबन्धित किया जायेगा। कानून के उचित
प्रावधानों के अन्तर्गत जैसे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत
अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में रात्रि कफ्र्यू की अवधि
निर्धारित करने और आदेशों को जारी रखने का निर्णय स्थानीय प्रशासन के
द्वारा लिया जायेगा। व्यक्तियों के एक समूह के रूप में इकट्ठे होने जो कि
कोविड-19 वायरस के प्रसार का एक मात्र माध्यम है, को प्रतिबन्धित कराते हुए
वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जाये। सामाजिक, राजनीतिक, खेल,
मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक उत्सव से सम्बन्धित एवं अन्य भीड़
तथा सभाओं को प्रतिबन्धित किया जाये।
शादी समारोह (50 व्यक्तियों की
उपस्थिति) और दाह संस्कार एवं अन्तिम संस्कार (20 व्यक्तियों की उपस्थिति)
को अनुमति दिया जाये। समस्त शाॅपिंग काम्पलेक्स, सिनेमा हाॅल,
रेस्टोरेन्ट्स एवं बार, खेल काॅम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्वीमिंग पूल और
धार्मिक स्थानों को बन्द किया जाये। आवश्यक सेवाएं एवं गतिविधियां
जैसे-स्वास्थ्य सेवा, पुलिस, अग्नि, बैंक, विद्युत, जल एवं सिंचाई, आम
परिवहन के निर्धारित संचालन (आवश्यक सेवाएं और गतिविधियां जो सुचारू रूप से
संचालित किया जाना आवश्यक है) को जारी रखा जाये, इस प्रकार की सेवाएं
सरकारी एवं निजी दोनों क्षेत्रों में लागू होंगी। सार्वजनिक परिवहन (रेलवे,
मेट्रो, बसें, कैब्स) अपने अधिकतम 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित किये
जायें। आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के साथ-साथ अन्तर्राज्यीय एवं
अन्तःराज्यीय में होने वाले संचालन पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध
नहीं होगा।
समस्त कार्यालय सरकारी और निजी दोनों अपने अधिकतम 50 प्रतिशत
कर्मचारियों के साथ कार्य करेंगे। समस्त औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठान,
सरकारी और निजी दोनों अपने कार्य बल के साथ भौतिक दूरी मानदण्डों के
अनुरूप कार्य करेंगे। साथ ही उनका समय-समय पर Rapid Antigen Test के माध्यम
से (ऐसी स्थिति में जब कोई व्यक्ति फ्लू जैसे लक्षणों के साथ चिन्हित किया
जाता है) परीक्षण किया जायेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के
द्वारा पूर्व में जारी किये गये एसओपी जिसमें प्रशिक्षण मैनुअल सहित
निगरानी दल और पर्यवेक्षण शामिल हैं, वेबसाइट पर उपलब्ध हो और उनका पालन
किया जाये। स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उनका सावधानीपूर्वक
विश्लेषण किया जाये तथा ऐसे क्षेत्रों को आच्छादित किया जाये और संचरण की
संभावना को कम करते हुए निर्णय लिया जाये।
उपर्युक्त प्रतिबन्ध आगामी 14
दिनों तक लागू रहेंगे। कन्टेनमेन्ट क्षेत्र घोषित किये जाने के पूर्व एक
सार्वजनिक घोषणा की जाये और उसके औचित्य को रेखांकित करते हुए उसी तरह के
प्रतिबन्ध लागू किये जो स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है। सामुदायिक
स्वयं सेवक, नागरिक समाज संगठनों, पूर्व सैनिक और स्थानीय NYK/NSS
केन्द्रों आदि को कन्टेनमेन्ट कार्यवाही के सतत् प्रबन्धन के लिए शामिल
किया जाये। साथ ही समुदाय में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए व्यवहार
परिवर्तन के साथ-साथ टीकाकरण को भी बढ़ावा दिया जाये। कोविड-19
के प्रबन्धन के लिए कोविड के उपयुक्त व्यवहारों के क्रियान्वयन तथा
टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट टीकाकरण की रणनीति जिलों में जारी रहेगी। पर्याप्त
परीक्षण एवं डोर-टू-डोर मामलों के जांच तथा इन उद्देश्यों की प्राप्ति के
लिए क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या की टीम को निर्मित किया जाये।
इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के मामलों का नैदानिक परीक्षण करने हेतु एक
योजना बनायी जाये और आरएटी के माध्यम से सारी परीक्षण किये जायें।
सार्स-को-टू संक्रमण के लिए नेगेटिव पाये गये व्यक्ति जिनमें समस्त लक्षण
मौजूद हैं का पुनः परीक्षण आर-टी-पीसीआर के माध्यम से किया जाये।
उन्होंने
बताया कि स्वास्थ्य सम्बन्धी अवसंरचना को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण
किया जाये ताकि वर्तमान और अनुमानित मामलों को प्रतिबन्धित किया जा सके
(आगामी एक माह में) और आवश्यक कार्यवाही को प्रारंभ किया जाये। यह
सुनिश्चित करते हुए कि पर्याप्त आॅक्सीजन समर्थित बेड, आईसीयू बेड,
वेन्टीलेटर, एम्बुलेन्स इत्यादि आवश्यक और उपलब्ध हों साथ ही पर्याप्त
क्वारंटीन सुविधाओं को पुनः प्रारंभ किया जाये। सरकारी, निजी स्वास्थ्य
सुविधाएं जिनमें कि केन्द्रीय सरकार की अस्पताल, रेलवे कोच अस्थायी रूप से
शामिल हों इसका लाभ उठा सकें। इस बात को सुनिश्चित किया जाये कि होम
आइसोलेशन के लिए बनाये गये नियम से सन्तुष्ट व्यक्ति को होम आइसोलेशन की
अनुमति दी जाये। इस प्रकार के कार्यप्रणाली को विकसित करने के लिए एक तंत्र
का निर्माण किया जाये और काॅल सेन्टर के साथ नियमित रूप से निगरानी टीम के
भ्रमण के साथ ऐसे मकानों का निरीक्षण किया जाये।
उन्होंने यह
भी बताया कि टीकाकरण के लिए पात्र आयु समूह के व्यक्तियों के 100 प्रतिशत
टीकाकरण को सुनिश्चित किया जाये और मौजूदा केन्द्रोें की अधिकतम क्षमता का
उपयोग किया जाये। समुदाय के लिए पर्याप्त अग्रिम सूचना को सुनिश्चित किया
जाये तथा कड़े रोकथाम कार्याें की आवश्यकता पर ध्यान केन्द्रित किया जाये
ताकि उनकी भागीदारी और समर्थन को सुनिश्चित किया जा सके। बड़े पैमाने पर
कन्टेनमेन्ट की घोषणा किये जाने के पूर्व लोगों को आवश्क आवश्यकताओं के लिए
पर्याप्त समय दिया जाये। समुदाय में भ्रामक सूचना एवं डर को नजरअंदाज किये
जाने हेतु आवश्यक कदम उठाये जाएं। एक सकारात्मक वातावरण के निर्माण तथा
सतत् वार्ता के लिए स्थानीय स्तर के एनजीओ, सीबीओ, सीएसओ, मत निर्माता एवं
विषय विशेषज्ञ के साथ एक निरन्तर संवाद को स्थापित किया जाये।
बीमारी के
प्रारंभित चेतावनी संकेतों को व्यापक महत्व दिया जाये ताकि मामलों की
त्वरित पहचान की जा सके और होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्तियों की मौत
को रोका जा सके। परीक्षण तंत्र पर व्यापक महत्व दिया जाये ताकि आम जनमानस
स्वयं का परीक्षण करा सके। इस बात को सुनिश्चित किया जाये कि अस्पताल बेड
का ब्यौरा एवं उनके रिक्ति का ब्यौरा आनलाइन उपलब्ध हो और मीडिया को भी
दैनिक आधार पर इसे उपलब्ध कराया जाये। समुदाय में विश्वास पैदा करने के लिए
रेमिडिसीवर एवं टोसीलिजुमब आदि के उपयोग (जिसमें आक्सीजन, दवाओं, टीका एवं
टीकाकरण केन्द्रों की उपलब्धता का विवरण भी सम्मिलित हो) से सम्बन्धित
दिशा-निर्देशों का व्यापक रूप से प्रचार किया जाये। समुदाय को पल्स
आक्सीमीटर की सहायता से तापमान और आक्सीजन लेबल जैसे मापदण्डों की उचित
निगरानी की व्यवहार्यता के बारे में जागरूक किया जाये।
कोविड उपयुक्त
व्यवहार की आवश्यकता (प्रवर्तन के लिए बनाये गये नियमित कार्ययोजना सहित)
को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाये। बीमारी की प्रकृति को उजागर करते हुए
समुदाय में एक विश्वास का निर्माण किया जाये और इस तथ्य को प्रसारित किया
जाये कि त्वरित पहचान जल्द ठीक होने में मदद करता है और 98 प्रतिशत से अधिक
व्यक्ति कोविड-19 से सम्बन्धित बीमारियों एवं डर को दूर करते हुए ठीक होते
हैं। उन्होंने
बताया कि अपर मुख्य सचिव राजस्व, पंचायती राज, ग्राम विकास विभाग, समस्त
मण्डलायुक्तों, अपर पुलिस महानिदेशको, समस्त पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस उप
महानिरीक्षकों रेंज, पुलिस आयुक्त लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर एवं
वाराणसी, समस्त जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों,
मुख्य चिकित्साधिकारियों को उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन
सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।