माइक्रों कंटेंमेंट जोन पर रखी जाए विशेष नजर, निगरानी समितियां हो और अधिक क्रियाशील- नगर विकास मंत्री
लखनऊ। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने मंगलवार को कोविड-19 के
परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के 11 मण्डल की 81 नगर पालिकाओं के मा. अध्यक्ष
एवं आधिशासी अधिकारियों(ईओ) के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। बैठक में
उन्होंने कोविड 19 के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत प्रदेश भर में योजनाबद्ध
तरीके से सैनिटाइजेशन करानेव माइक्रों कंटेंमेंट जोन पर विशेष तौर पर नजर
रखने के निर्देश दिए। मंत्री ने निगरानी समितियों को और अधिक क्रियाशील
बनाने को निर्देशित किया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन व
वीकेंड लॉकडाउन में वृहद स्तर पर सैनिटाइजेशन कराया जाए।
फ्रंट लाइन
वर्करों की सुरक्षा सुनिश्चित कर उनके अंदर से भय को निकालने के लिए उनके
शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन, कोविड टेस्ट, पीपीई किट, ग्लब्ज आदि के साथ-साथ समय
से वेतन दिए जाने व सभी ड्यूज, बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं उन्होंने बताया कि प्रदेश की समस्त स्थानीय निकायों द्वारा
सैनिटाइजेशन के लिए 4813 टीमें गठित कर कुल 183344 स्थलों पर व्यापक
सैनिटाइजेशन करवाया गया है।
नगर विकास मंत्री ने कहा
कि निगरानी समितियों को और एक्टिव करने की आवश्यकता है। उन्हें लोगों को
कोविड-19 के प्रति अधिक से अधिक जानकारी देना चाहिए। निगरानी समिति के
अध्यक्ष पार्षदों को बनाया गया है। जिससे वे अपने क्षेत्र की अच्छी तरह से
निगरानी कर पाएं। लोगों को कोविड 19 को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ बाहर
से आने वाले प्रवासियों पर विशेष नजर रखी जाए। जिससे उनकी ट्रेसिंग व
टेस्टिंग हो पाए।
इसके अलावा मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी नगर पालिकाओं
में वार्डवार निगरानी समितियों की बैठक सुनिश्चित की जाए और उनमें नगर
पालिका के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारियों (ईओ) की सहभागिता जरूर हो।
मंत्री ने कहा कि समाज में सकारात्मक और जागरूकता के लिए माइक से प्रचार
प्रसार किया जाये। नगर पालिका में संचालित वाहनों पर माइक लगाकर लोगों को
कोविड-19 के प्रति जागरुक किया जाए। मंत्री ने
निर्देशित किया कि वीकेंड लॉकडाउन के शासनादेश के प्रारूप के अनुसार शनिवार
व रविवार को सफाई एवं सैनिटाइजेशन करवाया जाए। फॉगिंग और सफाई और डोर टू
डोर कूड़ा उठाने को लेकर शासनादेश के प्रारूप का पालन करना अनिवार्य है। साथ
ही उन्होंने कहा कि सैनिटाइजेशन के लिए प्लान बनाया जाए। कंटेंमेंट जोन
में सुबह-शाम सैनिटाइजेशन हो, प्रत्येक वार्ड में सघन सैनिटाइजेशन हो, शाम
को व रात में प्रमुख बजारों में निरंतर सैनिटाइजेशन किया जाये।
शनिवार और
रविवार नगर पालिका के प्रत्येक क्षेत्र को गली-मोहल्लों को सैनिटाइज किया,
सैनिटाइजेशन करते समय सोडियम हाइपोक्लोराइड की मात्रा मानक के अनुरूप हो। मंत्री ने कहा कि हमें फ्रंट लाइन वर्कर्स की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना
है। उनके भय को भी दूर करना है। सभी का वैक्सीनेशन करवाना सुनिश्चित किया
जाए। किसी भी सफाई कर्मचारी व फ्रंट लाइन वर्कर में कोविड-19 के लक्षण
दिखने पर उनकी टेस्टिंग करायी जाए। संक्रमित होने पर उनका सही तरीके से
इलाज सुनिश्चित हो। फ्रंट लाइन वर्कर को सभी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध की
जाये, स्वच्छता कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर को समय से वेतन व ड्यूज क्लियर
किये जाएं। यदि किसी भी व्यक्ति विशेष की वजह से वेतन या ड्यूज डिले होते
हैं तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाये। नगर विकास
मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी नालों में बारिश से पहले नालों
की डीसिल्टिंग व सफाई सुनिश्चित की जाये। साथ ही ग्रीष्म ऋतु से पहले शुद्ध
पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये और जलभराव वाले स्थान पर माइक्रो
प्लान बनाया जाये।
नगर विकास मंत्री ने बताया
कि प्रदेश की समस्त स्थानीय निकायों द्वारा सैनिटाइजेशन के लिए 4813 टीमें
गठित कर कुल 183344 स्थलों पर व्यापक सैनिटाइजेशन करवाया गया। इसके अलावा
समस्त स्थानी निकायों (नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों)
में कुल 12016 निगरानी समितियां गठित की गई, जिनमें कुल 58368 सदस्य हैं।
निकायों में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव में कार्यरत कुल 129702 फ्रंट
लाइन वर्कर्स द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया, जिसके सापेक्ष प्रथम व
द्वितीय चरण में कुल 104639 फ्रंट लाइन वर्कर्स का टीकाकरण कराया जा चुका
है। प्रदेश में कुल 27281 कंटेंमेंट जोन बनाए गए हैं। वर्चुअल बैठक में सचिव नगर
विकास विभाग अनिल कुमार, नगरीय निकाय निदेशालय की निदेशक शकुन्तला गौतम, विशेष सचिव नगर विकास विभाग इंद्रमणि त्रिपाठी
समेत मण्डल की 81 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष एवं आधिशासी अधिकारी (ईओ) जुड़े
रहे।