24 घंटे में इस्तीफा दें बेसिक शिक्षा मंत्री , नहीं तो आंदोलन करेगी आप
लखनऊ : आम आदमी पार्टी ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ईडब्ल्यूएस कोटे से अपने भाई डॉ अरुण कुमार को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय डुमरियागंज में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर तैनाती दिलाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने 24 घंटे में उनसे इस्तीफा मांगा है। अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो आम आदमी पार्टी की यूथ विंग और छात्र विंग (सीवाईएसएस) के कार्यकर्ता आंदोलन छेड़ देंगे।
सीवाईएसएस के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने इस मामले को प्रदेश के युवाओं का अपमान बताते हुए कहा कि आदित्यनाथ की सरकार का लगभग 5 साल पूरा होने को है और इस कार्यकाल में सरकार ने लगभग दो दर्जन वैकेंसी निकाली। जिसमें युपीएसएसएससी की भर्तियां सबसे ज्यादा चर्चा में रही हैं। इन 5 सालों में लगभग 22 भर्तियां आज भी ऐसी हैं जो अभी तक क्लियर नहीं हो पाईं। तमाम भर्तियों में नौजवानों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक हो गया किंतु उनको नियुक्ति प्रमाण पत्र आज तक नहीं मिला। दूसरी तरफ जब नौजवान अपनी मांग को लेकर आदित्यनाथ के दरवाजे पर जाता तो उसको लाठियां मिलती हैं, पुलिस द्वारा मां-बहन की गालियां दी जाती हैं। इस बीच वीडीओ 2108, गन्ना पर्यवेक्षक, एग्रीकल्चर टेक्निकल असिस्टेंट सहित तमाम तरह की भर्तियां निकलीं, लेकिन सरकार किसी न किसी कारण से उस भर्ती को रद्द कर देती है। सोचिए, एक तरफ उत्तर प्रदेश के नौजवानों को साढ़े चार सालों में नौकरी नहीं मिली, उसे पीटा जा रहा है और सरकार के मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस कोरोना की आपदा में अवसर तलाशते हुए गरीबी कोटे से अपने सगे भाई को नौकरी दिला दी। डुमरियागंज मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सख्त कार्रवाई करें वरना याद रखें कि उनकी सरकार के अब कुछ ही महीने शेष हैं।
उधर यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष फैसल वारसी ने सवाल उठाया कि क्या डुमरियागंज में सबसे गरीब सवर्ण परिवार मंत्री सतीश द्विवेदी का ही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसका जवाब देना चाहिए। पूरे प्रकरण में मंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपने भाई को नौकरी दिलाने के लिए किसी गरीब सवर्ण का हक मारा है। इस मामले में सरकार की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना, यह अंदेशा जगाता है कि सरकार प्रकरण की लीपापोती कराने की योजना बना रही है।