पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आज
स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, आधुनिक भारत व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के
श्रेष्ठतम संस्थानों के महान शिल्पी भारत रत्न-पूर्व प्रधानमंत्री पंडित
जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर वरिष्ठ नेताओं एवं कांग्रेसजनों ने
भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया तथा उनके बताये मार्ग पर
चलने का संकल्प लिया।
प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा
मे कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रनिर्माण में उनकी भूमिका को याद करते हुए
उन्हें शांति का अग्रदूत बताते हुए पं0 नेहरू के चित्र पर पुष्प्प अर्पित
कर भावभीनी श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर उत्तर
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने देश के
स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें श्रद्धासुमन
अर्पित करते हुए कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने
भारत को शांति के अग्रदूत के रूप में विश्व मानचित्र पर स्थापित करने के
साथ देश मे गरीबी से निपटने के लिये समय के अनुरूप कार्य योजनाएं बनाकर
उन्हें जमीन पर उतारा और देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले
श्रेष्ठतम संस्थानों की स्थापना कर शसक्त भारत की नींव डाली।
पंडित नेहरू की दूरदृष्टि व अथक प्रयासों ने बुनियादी संसाधनों की एक रोजगार परक श्रंखला का निर्माण किया। उंन्होने कहा कि इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन किसी एक दिन की बड़ी घटना इतिहास में एक बड़ा मोड़ ले आती है। पंडित नेहरू का प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करना देश के लिये सब कुछ समर्पित भाव से करना उन्हें इतिहास पुरुष बनाता है। आज हम सबको उनके बताये मार्ग व विचारों पर चलने का संकल्प लेना होगा जिससे भारत को पुनः शसक्त करने की दिशा में ले जाया जाए।
लल्लू ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजनीतिक जीवन के व्यस्ततम और संघर्षपूर्ण दिनों में लेखन के लिए समय निकाला और जेल के नीरस प्रवास को भी सृजनात्मक बना लेना और जेल जीवन मे लिखी गयी उनकी रचनाएं उन्हें एक संवेदनशील साहित्यकार और एक विद्वान इतिहासकार के रूप में पेश करती हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य एवं पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने नेहरू के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह प्रकाशपुंज की भांति वैश्विक राजनीति में चमकदार छवि के नेता थे पंचशील के मार्ग से विश्व को शांति की राह दिखाई। उन्होने कहा कि भारत के इतिहास की बात करें तो देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में भारत के नवनिर्माण के वह महानायक थे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का कार्यकाल हो या आजादी के आंदोलन में उनकी भूमिका रही हो वह ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि पिता के पत्र के रूप में संकलित बेटी इंदिरा गांधी को लिखे उनके पत्रों में कुदरत के प्रति लगाव और देश-दुनिया के सरोकारों के प्रति एक दृष्टि विकसित कर सकने की चिंता देखी जा सकती है। पूर्व राज्यसभा सांसद व छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ पीएल पुनिया ने पंडित नेहरू द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण के लिये उनके द्वारा किये गए गम्भीर प्रयासांे को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ बाबा साहेब डॉ भीमराव अंडकर को मंत्रीमंडल में सम्मलित कर उन पर अथाह भरोसा करते हुए उन्हें संविधान निर्माण के लिये चिन्हित किया उससे समझा जा सकता है कि वह सकारात्मक दृष्टि विमर्श के भी महान पैरोकार थे। पं0 नेहरू सच्चे अर्थों में राष्ट्र निर्माता थे।