गांवों में संक्रमण न फैले इसके लिए ग्राम निगरानी समितियों को सावधान रहने के दिए गये निर्देश- नवनीत सहगल
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव 'सूचना' नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-49 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए चलाये जा रहे एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट अभियान का स्थलीय निरीक्षण कर रहे है। मुख्यमंत्री द्वारा आज कानपुर नगर एवं इटावा जनपदों के भ्रमण के दौरान गांव में जा कर कोविड-49 के अभियान को देखने के साथ साथ जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विगत एक सप्ताह से टेस्टिंग में निरन्तर वृद्धि की जा रही है। जिसके क्रम में कल प्रदेश एक दिन में ३3 लाख से अधिक टेस्ट किये गये, ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य है।
इसके साथ ही 4.50 करोड़ से अधिक टेस्ट करने में भी उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है। प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कर्फयू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आंशिक कोरोना कर्फयू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। आंशिक कोरोना कर्फयू की अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। सहगल ने बताया कि 48 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये गये है कि हर जिले में न्यायिक अधिकारियों एवं पत्रकारों के लिए वैक्सीनेशन कैम्प लगाये जाये।
उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा लगभग 40 हजार से अधिक आयुवेदिक, 38 हजार होम्योपेथिक, 2 हजार यूनानी तरीकों से उपचार किया गया है। लगभग 4 लाख 40 हजार आयुष कीट तथा लगभग 4 लाख 53 हजार आयुष काढ़ा का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 44 लाख आयुवेदिक, होम्योपेथिक तथा यूनानी पद्धतियों की विभिन्न प्रकार की औषधियों का वितरण किया गया है। सहगल ने बताया कि सर्विलान्स के साथ-साथ गाँव में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन स्कूल /सरकारी इमारतों में आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है। मार्च से अब तक लगभग 70 प्रतिशत कोविड-49 टेस्ट ग्रामीण क्षेत्र में किये गये है।
उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के माध्यम से प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से लगभग 47 करोड़ लोगों से उनका हालचाल लिया गया है। सहगल ने बताया कि प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित कराने हेतु 485 आक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गये है। जिसमें 258 प्लांट की बनने की प्रक्रिया चालू हो गयी है तथा 32 प्लांट क्रियाशील हो गये है। 90 प्रतिशत से अधिक प्लांट वातावरण से आक्सीजन बनाने वाले प्लांट है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-49 की सम्भावित तीसरी लहर में बच्चो के स्वास्थ्य सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने के उद्देश्य से सभी जिला अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू को तैयार कराये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कालेजों में 400-400 बेड बनाने का कार्य प्रारम्भ हो गया है। जनपद के अस्पतालों में 20-20 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किया जायेगा।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 34,785 कन्टेनमेंट जोन है। इन कन््टेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति डोर टू डोर की जा रही है।सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में रेहडी, पटरी, ठेला, श्रमिकों, पल्लेदार आदि लोगों को लगभग 400 से अधिक सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें सरकारी तथा एनजीओ द्वारा संचालित सामुदायिक किचन हैं। मुख्यमंत्री द्वारा संगठित तथा असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों, शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले, ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा /ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को एक माह के लिए 4000 रुपये का भरण पोषण भत्ता दिए जाने का निर्णय लिया गया है।