विपक्ष के नेताओं पर आरोप लगाने के बजाए सरकार अपनी जिम्मेदारियों का करे निर्वहन- अजय कुमार लल्लू


लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना’ ने आज वर्चुअल प्रेसवार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता में कहा कि जो शव नदियों में बह रहे हैं वह प्रदेश सरकार की नाकामी हैं। उन्होने मांग की है कि बलिया और गाजीपुर समेत अन्य जिलों में नदियों में प्रवाहित किये गये शवों के मामले की न्यायिक जांच मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से करायी जाए।  

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि, मंत्री, विधायक लगातार अपनी ही सरकार पर कोरोना महामारी को रोकने और समुचित इलाज के लिए पत्र लिखकर सरकारी नाकामियों को उजागर कर रहे हैं मगर सरकार लगतार झूठ और फरेब की राजनीति कर रही है उसे आम जनमानस की चिंता नहीं है और आम जनता को उसने भगवान के भरोसे छोड़ दिया है। इवंेट के माध्यम से अखबारों में हेडलाइन बनाने में जुटी हुई है।

लल्लू ने कहा कि वैश्विक महामारी को रोकने में विफल सरकार की विफलता की तस्वीर नदियों में बहते शवों को देखकर आसानी से लगायी जा सकती है। नदियों के तट तक बह कर आये इनमें से कई शव पीपीई किट में लिपटे हैं जिसे आवारा जानवर नोंच खसोट रहे हैं। उन्होने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि वह झूठ बोलना बन्द करके कोरोना संकट काल में गंगा, यमुना समेत अन्य नदियों में प्रवाहित शवों के मामले की जांच मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से करायी जाये ताकि इन शवों को प्रवाहित करने का सच जनता के सामने आ सके।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज उ0प्र0 की जनता तथाकथित उस गंगा पुत्र को ढूंढ रही है। उन्होने कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी और झूठे आंकड़ों के बल पर योगी सरकार कोरोना संक्रमण को काबू करने का थोथा दावा कर रही है जबकि असलियत यह है कि गांवों में कोरोना टेस्टिंग के अलावा दवा, आक्सीजन, बेड, चिकित्सकों के अभाव में बड़ी संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं। योगी सरकार इवेंट मैनेजमेंट, पीआर के बल पर वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है। योगी सरकार को गांवों में अब तेजी से बिगड़ते हालात को काबू में करने के लिए तत्काल कदम उठना चाहिए।

वर्चुअल प्रेसवार्ता में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि सरकार चिकित्सीय उपकरणों और दवाओं पर तत्काल जीएसटी खत्म करे जिससे आम जनता को कोरोना के इस भीषण महामारी के समय राहत मिल सके। उन्होने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के भयावह स्वरूप को देखते हुये सरकार को तीसरी लहर से निपटने के लिये अभी से समुचित कदम उठाना चाहिए। उन्होने कहाकि गांवों की ओर बढ़े इस भीषण महामारी से निपटने के लिए सरकार प्रदेश के हर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आक्सीजन, चिकित्सक और अन्य जीवनरक्षक दवाओं एवं उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

आराधना मिश्रा‘मोना’ ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। ऐसे में सरकार सभी अस्पतालों में चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ का समुचित इंतजाम करे, क्योंकि तीसरी लहर विशेषकर 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के लिये घातक मानी जा रही है। टीकाकरण की सुस्त रफ्तार को कई गुना तेज करना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा आबादी में कोरोना से लड़ने के लिये जरूरी प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो सके। सरकार को ट्रेसिंग, टेस्टिंग और टीकाकरण की प्रक्रिया को बढ़ाने की जरूरत हैे ताकि संक्रमित व्यक्ति और उसके संपर्क में आने वालों की जल्द पहचान हो सके और समय से उनका इलाज हो सके। इसके साथ ही साथ आरटीपीसीआर की मिलने वाली रिपोर्ट में हो रही देरी को सरकार तुरन्त रोके तभी देश और उत्तर प्रदेश के जनमानस को कोरोना के खतरे से बचाया जा सकता है।

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