डॉ रोशन जैकब ने अलीगंज के चन्द्रनगर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किया औचक निरीक्षण
लखनऊ। टेस्टिन
व वैक्सिनेशन की व्यवस्थाओ के सत्यापन के उद्देश्य से नोडल अधिकारी
कोविड-19 लखनऊ डॉ रोशन जैकब द्वारा आज अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व
खुर्रम नगर पीएचसी एवं चन्द्रनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व किला
पीएचसी का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में नोडल अधिकारी द्वारा टेस्टिंग व
वैक्सिनेशन के लिए की गई सभी व्यवस्थाओ का जायजा लिया। सभी केंद्रों पर
वैक्सिनेशन व टेस्टिंग सुचारू रूप से कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराते हुए
होता पाया गया। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि 18
वर्ष से 44 वर्ष की आयु के लोगो का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर वैक्सिनेशन
किया जा रहा है। लोग ज्यादा संख्या में आ रहे है और वैक्सिनेशन करा रहे है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि औसतन लगभग 300-400 लोगो का
वैक्सिनेशन सीएचसी में कराया जा रहा है। नोडल अधिकारी द्वारा जनपदवासियों
सेे अपील की गई कि जिन लोगो की दूसरी डोज का समय हो गया है वह अपनी दूसरी
डोज का वैक्सिनेशन कराये। निरीक्षण में संज्ञान में
आया कि खुर्रम नगर पीएचसी में जगह कम होने के कारण भीड़ कुछ ज्यादा थी।
जिसके लिए निर्देश दिया कि वैक्सिनेशन बूथों को दो अलग अलग कमरों में शिफ्ट
किया जाए, और साइनबोर्ड लगा कर मार्गदर्शन किया जाए कि कहां पर टेस्टिंग
और कहां पर वैक्सिनेशन हो रहा है। साथ ही 18 वर्ष से 44 वर्ष और 45 वर्ष से
अधिक के लोगो का वैक्सिनेशन अलग अलग बूथ बना कर किया जाए।
नोडल
अधिकारी द्वारा बताया कि यह समय अधिक टेस्टिंग करने का है ताकि ज्यादा से
ज्यादा लोगो की टेस्टिंग कर के कोविड संक्रमण वाले रोगियों का सही से उपचार
किया जा सके। नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि टेस्टिंग अधिक करने के
उद्देश्य से हर सीएचसी के अधीन 3 अर्बन पीएचसी में टेस्टिंग पॉइंट बनाए गए
है। ताकि लोग आसानी से टेस्टिंग करा सके। साथ माई कोविड एप पर भी सभी
स्टेटिक टेस्टिंग सेंटर की लोकेशन अपडेट कराने के निर्देश दिए ताकि
आमजनमानस को टेस्टिंग सेंटर की लोकेशन आसानी से पता चल सके।
साथ ही सभी
सीएचसी के एमओआईसी को निर्देश दिया कि सभी एमओआईसी अपने क्षेत्र के
बाजारों, घनी आबादी वाले क्षेत्रों या ऐसे एरिया जहां से बहुत अधिक केस आते
थे उनके आस पास के एरिया में टारगेट टेस्टिंग करना सुनिश्चित कराए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जितने भी स्टेटिक टेस्टिंग सेंटर बढ़ाए गए
थे, सभी टेस्टिंग सेंटर कार्यशील पाए गए।