जल्दी ही खुलेंगी मधुशाला, डीएम पर छोड़ा फैसला
लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में
मंगलवार से शराब की दुकानें खोल दी गई हैं। शराब की दुकानें खुलने के साथ
ही लोगों की लंबी-लंबी लाइन लग गई। शराब खरीदने के लिए लोग इस कदर उत्साहित
हो गए कि वो कोरोना वायरस गाइडलाइन भी भूल गए। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का
पालन करना तो दूर उल्टा उसकी धज्जियां उड़ाते नजर आए।
दरअसल, यूपी में अब
देसी और अंग्रेजी शराब की दुकानें सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक खुलेंगी। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने की ये तस्वीर बेहद आम हो चुकी है। यहां शराब खरीदने के लोग दुकानों के बाहर एक-दूसरे से सटकर खड़े दिखाई
दे रहे है। लोगों के मन में बस एक ही धुन है कि जल्दी से जल्दी उनके हाथों
में शराब की बोतल आ जाये। शराब की इस धुन में लोग यह भी भूल गए हैं कि
महामारी का दौर चल रहा है इससे बचाव करना उनकी जिम्मेदारी है। सरकार ने
जहां लोगों से कम से कम 6 फिट की दूरी बनाने के लिए कहा है, वहीं यह शराब
के शौकीन लोग आधा फिट की दूरी का भी पालन करने को तैयार नहीं है।
वहीं, मीडिया से बात करते हुए शराब के शौकीनों का कहना है कि सरकार ने शराब
की दुकान खुलवा कर काफी अच्छा काम किया है। लोगों का कहना है कि इससे
स्थितियां जल्दी सामान्य हो सकेगी। हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि कोरोना को
भगाने का शराब एक कारगर तरीका है इसीलिए सरकार ने दुकानें खोलने का आदेश
पारित किया है। इसके सेवन से उन्हें रात में अच्छी नींद भी आएगी और दिन में
ज्यादा काम करने की ऊर्जा भी मिलेगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश लिकर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
को पत्र लिखकर शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत मांगी थी। जिसके बाद योगी
सरकार ने प्रदेश में शराब की दुकानों को खोलने को लेकर फैसला डीएम पर
छोड़ा दिया था।
जानकारी के अनुसार, डीएम जिले की परिस्थिति के अनुसार
आबकारी विभाग को शराब की दुकानों को खोलने के लिए अनुमति दे सकते हैं। यूपी
के कई जिलों के जिलाधिकारियों के पास शराब की दुकान खोलने के लिए आबकारी
विभाग की पत्रावली पहुंच गई है। इसी क्रम में लखनऊ जिलाधिकारी भी आज आबकारी
विभाग की पत्रावली पर फैसला करेंगे। आगरा और प्रयागराज समेत कई जिलों के
जिलाधिकारियों ने शर्त के साथ शराब दुकान खोलने अनुमति दी है।