राजधानी में 'आप' का ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक शुरू, सांसद संजय सिंह ने किया उद्घाटन
लखनऊ। अब राजधानी में सांसों का संकट झेल रहे लोगों को आम आदमी पार्टी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराकर राहत पहुंचाएगी। इसके लिए राजधानी में आप की ओर से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक की शुरुआत की गई है। कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए पार्टी की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए आप के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पंचायत चुनाव ड्यूटी में संक्रमण से मारे गए सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के परिवार को मुआवजा न देने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर होते हुए उन्नाव में पुलिस पिटाई से सब्जी विक्रेता फैसल की मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की। संजय सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार आम आदमी पार्टी इस कोरोना की महामारी में लोगों की सेवा करने के लिए लगातार काम कर रही है। इस दिशा में एक तरफ मुफ्त आक्सीजन युक्त ऑटो सेवा शुरू की गई तो दूसरी ओर आम आदमी की रसोई की शुरुआत हुई। पूरे प्रदेश में हमारी महिला विंग, सीवाईएसएस के साथ यूथ विंग के साथियों ने लोगों को दवा, भोजन के पैकेट पहुंचाने का काम किया। वहीं, प्रयागराज जहां से लकड़ी का इंतजाम न कर पाने के कारण लोगों द्वारा शवों के दफनाए जाने और गंगा में प्रवाहित करने की खबरें आईं, तो वहां हमने लोगों को मुफ्त लकड़ी उपलब्ध कराने का प्रयास शुरू किया है।
गाजीपुर के उस गहमर घाट पर जहां शवों को कुत्तों द्वारा नोचने के हृदयविदारक दृश्य सामने आए थे, वहां पार्टी के गाजीपुर से जुड़े दिल्ली के विधायक दिलीप पांडेय और सह प्रभारी अभिनव राय की ओर से शनिवार से लोगों को अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त लकड़ी मुहैया कराने का अभियान शुरू किया गया है। वहीं, लखनऊ के अंदर इस कोरोना महामारी में लोगों की मदद के लिए पार्टी ऑक्सीजन कंसट्रेटर बैंक शुरू कर रही है। दस लीटर के ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हैं। जरूरत होने पर कोई भी मोबाइल नंबर 9151403403 पर कॉल करके मदद हासिल कर सकता है। मरीज के ठीक होने के बाद कंसंट्रेटर दूसरे मरीज को दिए जाएंगे। करीब 15 की संख्या में हमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अभी मिल पाए हैं। यह भी सेवा पूरी तरह मुफ्त है।
संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के लगातार दौरे हो रहे हैं। वह कोरोना के हालात को लेकर रोज नए दावे कर रहे हैं। सरकार कह रही है, यहां कोरोना काबू में आ गया है। मृत्युदर कम हाे गई है। मैं कहना चाहूंगा कि जिलों से रिपोर्ट मांगिए। कहीं भी जांच ही नहीं हो रही है। अगर वहां लोग जांच करा रहे हैं तो पहले सैंपल लखनऊ आ रहा है और यहां से जब तक रिपोर्ट जा रही है तब तक कई लोगों की मौत हो जा रही है। मैं कहना चाहता हूं मुख्यमंत्री से कि महामारी पर पर्दा मत डालिए। इस तरह से लोगों की जान खतरे में मत डालिए। गांव-गांव में कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराइए। ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग कीजिए। जब आपको संकट का पता ही नहीं होगा तो फिर तो आपको सब कुछ अच्छा नजर आएगा।
संजय सिंह ने कहा कि आज गोरखपुर, डुमरियागंज, कानपुर, उन्नाव, झांसी आदि तमाम जिलों के आंकड़े उठाकर देख लीजिए। कोरोना के कारण जिनकी मृत्यु हुई है और कोरोना प्रोटोकाल के साथ जिनका अंतिम संस्कार किया गया है उनमें पंद्रह गुना का फर्क है। फतेहपुर के लिलौली गांव में सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई। लखनऊ के मांगपुर गांव में 24 लोगों की मौत हुई, वहीं देवरिया के एक कल में एक साथ छह लोगों की तेरहवीं थी। एक-एक गांव में 25 से 50 मौतें हो रही हैं। कानून व्यवस्था पर योगी सरकार घेरते हुए संजय सिंह ने कहा कि उन्नाव, कानपुर, प्रयागराज, गाजीपुर, बलिया के घाटों से खबर आई, लेकिन एक अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई। संजय सिंह ने कहा कि योगी जी लोगों की अंत्येष्टि के लिए ग्राम पंचायत के जरिए पांच हजार रुपये देने की बात कह रहे हैं। जब ग्राम प्रधान का गांव में खाता ही नहीं खुला तब पांच हजार रुपये आपका जा कहां रहा है।
सम्मानजनक जीवन नहीं दे पाए तो सम्मानजनक अंत्येष्टि की व्यवस्था दे दीजिए। आप श्मशान बनाने का सपना देखते थे, आज गांव-गांव को श्मशान बना दिया। संजय सिंह ने कहा कि महामारी से पूरा प्रदेश कराह रहा है, इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ की सरकार संजीदगी से काम नहीं कर रही है। पंचायत चुनाव में हुई 1621 शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की मौतों को झुठलाकर सरकार सिर्फ तीन मौतें होने की बात कह रही है। इससे ज्यादा शर्मनाक बात कोई हो सकती है। मैं कल अकेले लखनऊ में पांच ऐसे शिक्षकों के परिवारों से मिलकर आया हूं जिनकी मौतें जबरन चुनाव ड्यूटी करने से मौत हो गई। एक नहीं दो-दो पाजिटिव रिपोर्ट है उनकी। हद है, जान लेकर आप उनको मुआवजा तक नहीं देना चाहते। 1621 शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारी और 70 पुलिस कर्मियों को जिनकी मौत पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई है, उनके परिवारीजन को एक करोड़ रुपये का मुआवजा सहित एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
इसके साथ ही यूपी में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवारीजन को दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह यूपी सरकार को 50 हजार का मुआवजा देना चाहिए। आज स्कूल तो बंद हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल वाले अभिभावकों से फीस के लिए दबाव बना रहे हैं। शिक्षा मंत्री बेतुका बयान जारी करते हैं कि निजी स्कूल संचालक इस वर्ष फीस न बढ़ाएं, इसका क्या मतलब वह पुरानी फीस वसूली का दबाव बनाएं। योगी सरकार में यूपी की जेलों में हथियार पहुंच जाते हैं, एसपी रंगदारी मांगते हैं और फरारी में चले जाते हैं, इसके खिलाफ कुछ नहीं हो पाता है, मगर यूपी में अगर आप लोगों को ऑक्सीजन देंगे तो उसे सरकार अपराध मानकर जेल भेज देगी।
आप की ऑक्सीजनयुक्त ऑटो एंबुलेंस पर हुई कार्रवाई को लेकर इस तरह तंज करते हुए संजय सिंह ने उन्नाव में फैसल नामक सब्जी विक्रेता को पुलिस द्वारा पीटकर कर मार दिए जाने की घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। कहा कि पुलिस-पुलिस की जांच नहीं कर सकती, ऐसे में फैसल की मौत के मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसे संजय सिंह ने पुलिस लिंचिंग का नाम दिया। आपकी नाक के नीचे सोशल मीडिया में काम करने वाला युवक पार्थ आत्महत्या कर लेता है। उसकी बहन रो-रोकर आरोप लगाती है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में जमकर हीलाहवाली की जाती है। इस मामले में मुख्यमंत्री के करीबी लोग शामिल हैं। ऐसे में इसकी भी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।