कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ विभाग के लिए बढ़ी एक और चुनौती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए है। कानपुर में 50, लखनऊ में 8, मेरठ में 2, वाराणसी व गाजियाबाद में एक-एक मरीज अभी तक मिल चुके है। बीते एक सप्ताह के अंदर देश भर में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़े है। 

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर कुमार ने ब्लैक फंगस पर अपने तर्क दिए है, उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस को "म्यूकारमायकोसिस" भी कहा जाता है। इम्यूनिटी लो होने पर ब्लैक फंगस तेजी से शरीर को जकड़ता है। कोविड़ के पेशेंट जिनकी डायबिटीज ज्यादा बड़ी हुई है, उन्हें इस फंगस से ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में लोगों को अपनी डायबिटीज कंट्रोल करने की बहुत जरूरत है। कोरोना के मरीज लंबे समय तक एस्ट्रो राइड लेने से बचें।

ब्लैक फंगस का मुख्यता लक्षण फेफड़े में होता है। रोगियों में आंखों के आसपास सूजन आ जाती है और सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। खांसी, बुखार और पेट में दर्द होता है। स्किन में इंफेक्शन होने पर कालापन आ जाता है। रोगियों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है और  पेट दर्द होता है। साथ ही उल्टी आती है। यह फंगस रोगियों के दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। ऐसे में रोगियों को यह लक्षण दिखने पर तुरंत जरूरी उपचार शुरू करना चाहिए।

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