यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा निरस्त, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने की घोषणा
उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए यूपी बोर्ड की
12वीं की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त कर दी हैं। उत्तर प्रदेश के उप
मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने थोड़ी देर पहले इसकी
घोषणा की है। अब से थोड़ी देर पहले डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा और एसीएस
माध्यमिक आराधना शुक्ला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
इनके बीच यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को रद्द करने को लेकर मंथन हुई
थी।
यह माना जा रहा था कि राज्य सरकार सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड की
12वीं की परीक्षा रद्द करेगी। इससे यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा में शामिल
होने वाले 26 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों को राहत मिली है। उपमुख्यमंत्री
डॉ दिनेश शर्मा ने थोड़ी देर पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परीक्षाएं रद्द
करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षाएं
कराने के लिए पूरी तैयारी की थी। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए
इसे स्थगित करना पड़ा है। बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर
सकते। राज्य सरकार ने हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा पहले ही रद्द कर दी थी। लंबे
वक्त से स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन का कार्य बंद है। सिर्फ ऑनलाइन क्लास
के जरिए ही बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इसको देखते हुए राज्य 30
प्रतिशत कम कोर्स के आधार पर पेपर तैयार किए थे।
12वीं
में नंबर दिए जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि हाई स्कूल के फार्मूले पर
ही इंटरमीडिएट बोर्ड के परीक्षार्थियों को भी नंबर दिया जाएगा। मतलब 11वीं
में मिले नंबरों के आधार पर 12वीं के रिजल्ट भी तैयार किए जाएंगे। बताते
चलें कि यूपी बोर्ड दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड है। इस बोर्ड के 100 साल के
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं। दिनेश
शर्मा ने बताया कि पहले यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा
में 60 लाख परीक्षार्थी शामिल होते थे। इस साल दोनों कक्षाओं को मिलाकर 56
लाख छात्रों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था। लेकिन अब उन्हें एग्जाम
नहीं देना होगा।
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और ACS माध्यमिक
आराधना शुक्ला के साथ बैठक कर इस निर्णय पर मुहर लगाई। वैकल्पिक तौर पर
राज्य सरकार ने इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को प्रमोट करने की भी तैयारी
पहले शुरू कर दी थी। यूपी बोर्ड के सचिव ने पिछले महीने 22 मई को सभी
संबद्ध संस्थानों से 12वीं में पढ़ने वाले छात्रों की प्री-बोर्ड, 11वीं की
छमाही और वार्षिक परीक्षा के अंक की जानकारी भेजने का आदेश दिया था। पिछले
महीने 28 मई तक राज्य सरकार को सारी जानकारी मिल गई है। मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के सीबीएसई के 12वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने
के फैसले का स्वागत किया था।
उन्होंने
कहा था कि छात्रों और अभिभावकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा
सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश में इंटरमीडिएट के
26.10 लाख विद्यार्थियों को प्रोन्नति का तोहफा मिला है। इससे पहले राज्य
सरकार ने हाई स्कूल के 29.9 लाख परीक्षार्थियों को प्रोन्नत करने का फैसला
ले चुकी है। इसके अलावा 6-11 कक्षा तक की परीक्षाएं पहले ही रद्द हो चुकी
हैं।