यूपी में थमा कोरोना का कहर, 45 जिलों में सिंगल डिजिट में मिले मामले, दो जनपदों में कोई केस नहीं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीत रहा है। कोरोना से जंग में योगी मॉडल बेहद
कारगर साबित हुआ है। सीएम योगी के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट फार्मूले की वजह
से करीब 24 करोड़ की जनसंख्या वाले सूबे में कोविड वायरस संक्रमण को रोकने
में कामयाबी मिली है। इस फॉर्मूले की वजह से आज पहली बार राज्य में 1000 से
भी कम मामले सामने आए हैं।
आज यूपी में कोरोना के सिर्फ 727 नए मामले मिले
हैं। आज से यूपी में तीन जिलों को छोड़कर सबमें लॉकडाउन से राहत मिल गई
है। यूपी के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने
कहा, हालांकि एहतियात बरतते हुए नाइट-वीकेंड कर्फ्यू जारी रखा गया है।
लेकिन जिस रफ्तार से कोविड के मामले घट रहे हैं, आगामी दिनों में इन
प्रतिबंधों से भी राहत मिल जाएगी। सोमवार को जारी कोरोना रिपोर्ट के
मुताबिक यूपी में लम्बे अरसे बाद पहली बार कोविड वायरस के 1000 से भी कम
केस मिले हैं। आज पूरे प्रदेश में संक्रमण के नए मामले सिर्फ 727 हैं।
प्रदेश के किसी जिले में 100 से अधिक केस नहीं आए। 2 जिलों में कोविड का
कोई केस नहीं मिला है। जबकि 45 जिलों में सिंगल डिजिट में मामले मिले हैं।
अन्य में 100 से कम मामले मिले हैं।
साथ
ही एक्टिव केस में भारी कमी आई है। यूपी के तीन जिलों को छोड़कर अन्य में
सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से कम है। आज की रिपोर्ट के मुताबिक सूबे में
कुल सक्रिय 15600 मरीजों का इलाज चल रहा है। अब सिर्फ मेरठ, लखनऊ और
गोरखपुर में 600 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। अन्य सभी जिले कोरोना कर्फ्यू
से मुक्त हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में यूपी में 3.10 लाख कोविड टेस्ट
किए गए. अन्य राज्यों के मुक़ाबले यहां पॉजिटिविटी रेट बहुत कम हो गया है। 5
करोड़ से अधिक टेस्ट करने वाला यूपी पहला और अकेला राज्य है। साथ ही अब तक
उत्तर प्रदेश में 2.02 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
सहगल
ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के बावजूद औद्योगिक गतिविधियां चल रही हैं।
सभी फैक्ट्री, चीनी मिलें, छोटी सामग्री की दुकान, आवश्यक वस्तुओं की
दुकानें, कृषि से सम्बंधित सभी दुकानें चालू रखी गयी हैं। प्रदेश में
साप्ताहिक बन्दी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 88,000 व शहरी क्षेत्र में
90,000 कर्मचारी सेनेटाइजेशन, फॉगिंग, सफाई अभियान चला रहे हैं। ग्रामीण
क्षेत्रों में जिनमें कोरोना के संक्रमण कम हैं या नहीं हैं, वहां पर
मनरेगा के माध्यम से रोजगार का कार्य तेज करने के निर्देश दिये गये हैं।
लगभग 52,600 पंचायतों में मनरेगा के कार्य प्रारम्भ कर दिये गये हैं, जिससे
स्थानीय स्तर पर रोजगार के और अधिक अवसर सृजित किये जाएं। इसके साथ-साथ
प्रदेश में बैंकों के माध्यम से छोटी इकाईयों को ऋण देकर उनको स्थापित करके
उनमें रोजगार के अवसर सृजित हो रहे।