मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समिति की बैठक की गई आयोजित

लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अन्तर्गत गठित 7वीं राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की बैठक वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय के प्रतिनिधि तथा राज्य सरकार के अन्य सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
 
बैठक के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में मुख्यतः चार घटक यथा-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (ए0आई0बी0पी0), हर खेत को पानी, पर ड्राप मोर क्राप एवं जलागम विकास के तहत कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 की प्रगति से अवगत कराते हुये उन्होंने बताया कि ए0आई0बी0पी0 घटक के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा तीन परियोजनायें यथा सरयू (राष्ट्रीय नहर), अर्जुन सहायक नहर, मध्य गंगा नहर (फेज-2) संचालित की जा रही है, जिस पर 2020-21 में 2,026 करोड़ रुपये व्यय किया गया है। इन परियोजनाओं का कार्य मार्च, 2022 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। 
 
इन योजनाओं से अब तक 13.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता सृजित हो चुकी है, जबकि इनके पूर्ण होने पर इन परियोजनाओं से 15.94 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हो जायेगी। हर खेत को पानी घटक के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबन्धन (काडम) द्वारा सरयू नहर परियोजना फेज-3 एवं अर्जुन सहायक नहर परियोजना के अन्तर्गत कृषकों के खेतों तक पानी पहुंचाने हेतु गूलों तथा अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें सर्वेक्षण एवं नियोजन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, शेष कार्य प्रगति पर है। इसी घटक के अन्तर्गत लघु सिंचाई विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के बोरिंग तथा ब्लास्ट कूपों का निर्माण कार्य उन विकास खण्डों में कराया जा रहा है, जहां 750 मि0मी0 से अधिक वर्षा होती है।
 
विभाग द्वारा 12016 बोरिंग एवं ब्लास्ट कूप का निर्माण कराया गया है, जिसमें 15.93 करोड़ रुपये व्यय किया गया है पर ड्राप मोर क्राप घटक के उपघटक माइक्रो इरीगेशन के अन्तर्गत उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा ड्रिप 8841 हेक्टेयर एवं स्प्रिंकलर 49,261 हेक्टेयर में स्थापित कराया गया, जिसपर 226.74 करोड़ रुपये व्यय किया गया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। पर ड्राप मोर क्राप घटक के उपघटक अदर इन्टरवेन्शन के अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में 4427 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया, जिसमें 49.56 करोड़ रुपये व्यय किया गया। इन तालाबों की जियो टैगिंग के साथ-साथ डी0बी0टी के माध्यम से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
 
वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु विभिन्न विभागों की योजनाओं का विस्तार से प्रस्तुतिकरण किया गया। कृषि विभाग द्वारा खेत तालाब हेतु 100 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तुत की गई, जिससे प्रदेश में 10,000 खेत तालाबों का निर्माण कराया जाना है। उद्यान विभाग द्वारा 665.57 करोड़ रुपये की परियोजना प्रस्तुत की गई, जिसके माध्यम से 1,40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली से सिंचन क्षमता विकसित की जायेगी। लघु सिंचाई विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अन्तर्गत 94,573 नलकूप एवं सामुदायिक ब्लास्ट कूप योजना के अन्तर्गत 804 ब्लास्ट कूप का निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें 247.50 करोड़ रुपये व्यय किया जाना प्रस्तावित है।

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