अपर पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था नियमों के अनुपालन हेतु करेंगे समीक्षा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत सरकार द्वारा
निर्धारित नियमों के अनुसार उत्तर प्रदेश में संचालित निजी सुरक्षा
एजेंसियो की गहन छानबीन कर इस संबंध मे निर्धारित व्यवस्था के प्राविधानो
का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये है। उन्होने गार्डो
एवं सुपरवाइजरों के प्रशिक्षण हेतु निर्धारित मानको के अनुरूप कार्मिको के
नियमानुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन कराये जाने तथा
अभिकरण के गार्ड/सुपरवाइजरों का समय-समय पर चरित्र सत्यापन भी कराये जाने
के निर्देश दिये है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में
वर्ष 2017 से वर्ष 2021 मे अब तक प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण को नये व
नवीनीकृत निर्गत कुल 1581 लाईसेंसों से 04 करोड़ 25 लाख 39 हजार से अधिक की
धनराशि राजकोष में जमा करायी गई है। उल्लेखनीय है
कि निजी क्षेत्र के बहुत से अधिष्ठानों द्वारा सुरक्षा एजेन्सियां संचालित
किये जाने के कारण इनको नियंत्रित किये जाने के लिए भारत सरकार द्वारा ‘‘निजी सुरक्षा एजेंसिया (विनियमन) अधिनियम-2005’’ पारित किया गया था। इसी
कड़ी में प्रदेश के गृह विभाग द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, कानून एवं
व्यवस्था को प्राईवेट सुरक्षा अभिकरण (विनियमन अधिनियम-2005) के तहत
नियंत्रक प्राधिकारी पदानिहित है।
अपर मुख्य सचिव,
गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि इस संबंध
में शासन द्वारा पुलिस महानिदेशक को आवश्यक निर्देश दिये गये है। प्रदेश के
सभी जनपदों में कैश वैन से संबंधित संचालित प्राईवेट सुरक्षा एजेंसियों से
नियमावली का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु समस्त पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ
पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक व जनपदीय पुलिस को निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था द्वारा नियमावली के
प्रावधानों का अनुपालन हेतु समय-समय पर समीक्षा किये जाने के भी निर्देश
दिये गये है। अवस्थी ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तैयार पोर्टलhttps://psara.gov.in
पर आॅनलाइन नवीन एवं नवीनीकरण हेतु आवेदन फार्म प्राप्त किये जा रहे है।
इनमें जांच एवं सत्यापन की कार्यवाही संबंधित जिले से आॅनलाइन कराई जा रही
है। जांच एवं सत्यापन की कार्यवाही पूर्ण होने पर अपर पुलिस महानिदेशक,
कानून-व्यवस्था द्वारा आनलाइन लाइसेन्स निर्गत किये जाते है।
आवेदक एवं
साझेदारों के आॅनलाइन चरित्र सत्यापन के संबंध में साफ्टवेयर के माध्यम सें
आॅनलाइन चरित्र सत्यापन शुल्क एवं लाईसेंस शुल्क जमा किया जा रहा है। अपर
मुख्य सचिव
गृह, ने बताया कि किसी व्यक्ति या सम्पत्ति अथवा दोनों की
संरक्षा व रक्षा करने के लिए प्राईवेट सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्राईवेट
सुरक्षा अभिकरण की स्थापना किसी औद्योगिक या कारोबार उपक्रम या किसी कम्पनी
या किसी अन्य व्यक्ति या प्राईवेट सम्पत्ति को प्राईवेट सुरक्षा सेवाएं
उपलब्ध कराने हेतु की गयी है, जिसके अन्तर्गत प्राईवेट सुरक्षा गार्डों या
उनके पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण देना भी शामिल है। उल्लेखनीय
है कि इस अधिनियम की धारा-11 और 25 की शक्तियों का उपयोग करते हुये राज्य
सरकार द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश प्राईवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली-2009’’ की
अधिसूचना विगत 31.07.2009 को प्रख्यापित की गयी थी।
इसके माध्यम से सुरक्षा
एंजेसियों के चयन, उनके सत्यापन, निजी सुरक्षा गार्ड और पर्यवेक्षक के
चरित्र एवं उसके सत्यापन, सुरक्षागार्डो के लिए शारीरिक स्वस्थता का
मापदण्ड, पर्यवेक्षकों के लिए उपबन्ध, लाईसेंस की स्वीकृति के लिए आवेदन
करने की रीति व उसकी शर्तें, लाईसेंस जारी करने की शर्ते और इसका उपयोग,
लाईसेंस का नवीनीकरण व उसकी शर्तें, अपील और उसकी प्रक्रिया, सुरक्षा
एजेंसियों द्वारा अनुरक्षित की जाने वाली पंजी, फोटो पहचान पत्र, अन्य
शर्ते आदि एवं विनिर्दिष्ट कर्तव्यों के सम्बन्ध में जरूरी निर्देश निर्गत
किये गये थे। यह भी उल्लेखनीय है कि अधिनियम की
धारा-25 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये लोकल परिवहन की
क्रिया-कलापों के लिए निजी सुरक्षा अभिकरणों द्वारा सुरक्षा उपलब्ध कराने
की रीति का विनियमन करने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश
निजी सुरक्षा अभिकरण (रोकड़ परिवहन क्रिया-कलापों के लिए निजी सुरक्षा
नियमावली-2020)’’ प्रख्यापित की गयी।
नियमावली में
रोकड़ परिवहन क्रिया-कलापों आदि के लिए निजी सुरक्षा, विशेष रूप से डिजाइन
और तैयार की गयी रोकड़ वैन का उपयोग, प्रति रोकड़ वैन के लिए अपेक्षित
प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या, कार्मिकों के पूर्ववृत्त की जाॅच,
कार्मिकों का पर्याप्त प्रशिक्षण एवं प्रमाणन, प्रचालन के दौरान रोकड़ वैन
की सजीव जी0पी0एस0 खोज, रोकड़ वैन में अधिकतम रोकड़ ले जाने की सीमा के मार्ग
दर्शक सिद्धान्त, बैंक करेंसी में रखे जाने तथा रात भर उसे अन्तःकक्ष में
रखने के लिए प्रयोग किये गये निजी रोकड़ अन्तःकक्ष के लिए विनिवेश, जोखिम
न्यूनीकरण के उपाय आदि से सम्बन्धित प्राविधानों का उल्लेख किया गया है।