उ0प्र0 में दो दिवसीय दौरे पर भारत सरकार की विभिन्न खाद्य योजनाओं की समीक्षा की गई
वाराणसी| सुधांशु पाण्डेय, खाद्य सचिव, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, फोर्टिफाइड चावल वितरण के क्रियान्वयन तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ व धान खरीद की समीक्षा हेतु चंदौली एवं वाराणसी का दो दिवसीय दौरा किया गया |
खाद्य सचिव महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि कोरोना महामारी के कारण लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबो को हुई कठिनाइयों को कम करने हेतु भारत सरकार द्वारा गत वर्ष से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना आरम्भ की गयी थी, जिसके तहत सभी एन०एफ़०एस०ए० लाभार्थियों को प्रतिमाह अपने नियमित आवंटन के अतिरिक्त प्रतिमाह 5 किलो राशन मुफ्त वितरित किया जा रहा है | इस योजना से उत्तर प्रदेश की 14.71 करोड़ आबादी लाभान्वित हो रही है जिनको भारत सरकार लगभग 40,000 करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी मुफ्त राशन के रूप में उपलब्ध करा रही है | वर्तमान में यह योजना अपने चतुर्थ चरण में है जोकि नवम्बर 2021 तक चलेगी
खाद्य सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि विशेषकर बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण की समस्या को देखते हुए भारत सरकार द्वारा पायलट फेस में आई०सी०डी०एस० एवं मध्यान्ह भिजन योजना में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है | पायलट चरण में यह कार्य उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद तथा वाराणसी जनपद के सेवापुरी ब्लाक में भी किया जा रहा है| चावल के फोर्टीफिकेशन से उसमे पोषण तत्वों की मात्रा में वृद्धि की जाती है |उत्तर प्रदेश में धान एवं गेहूँ की खरीद के बारे में चर्चा करते हुए पाण्डेय द्वारा बताया गया कि प्रदेश में धान और गेहूँ की रिकॉर्ड खरीद की गयी है, जिससे कि कृषक न्यूनतम समर्थन मूल्य से लाभान्वित हुए हैं| खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान 10.22 लाख किसानों से रिकार्ड 66.84 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई | यह राज्य के इतिहास में धान की अब तक की सबसे अधिक खरीद है|
किसानों को एम.एस.पी.(MSP)के रूप में कुल 12491.88 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया |हाल ही में संपन्न हुए रबी विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान 12.98 लाख किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकार्ड 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई जो कि प्रदेश के इतिहास मे गेहूँ की अब तक की सबसे अधिक खरीद है | किसानों को उनकी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में कुल 11141.28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस वर्ष रबी विपणन वर्ष 2020-21 से 58% अधिक मात्रा में गेहूँ की खरीद की गयी जिस दौरान 6.64 लाख किसानों से 35.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी |
खाद्य सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश में गेहूँ एवं धान क्रय प्रणाली को सुदृढ़ बनाने एवं बिचौलियों से छुटकारा पाने तथा वास्तविक कृषक तक न्यूनतम समर्थम मूल्य योजना का लाभ पहुंचाने के लिए ई-क्रय प्रणाली लागू है | साथ ही बताया गया कि उत्तर प्रदेश ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली के तहत गेहूं की ऑनलाइन बिलिंग को लागू करने वाला देश का प्रथम प्रदेश है।