लखनऊ। ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट नीति से कोरोना पर हुए प्रभावी नियंत्रण
को बनाए रखने में जनसहयोग बहुत आवश्यक है। यह जरूरी है कि संयम और
जागरूकता का क्रम सतत बना रहे। सभी प्रदेशवासी कोविड अनुकूल व्यवहार को
अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। प्रदेश के 11 जिलों में आज कोरोना के एक भी
एक्टिव केस नहीं है।
वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या
798 रह गई है। ऐसी स्थिति कोरोना के शुरुआती दिनों में थी। यह संतोषप्रद है
कि हर दिन ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट होने म बाद भी, नए केस की संख्या में
हर दिन गिरावट हो रही है। पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी तक आ गई है। जनपद अलीगढ़,
बदायूं, बस्ती, बहराइच, एटा, फतेहपुर, हमीरपुर, हाथरस, कसगंज, महोबा और
श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड
संक्रमण से मुक्त हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। ट्रेस, टेस्ट
और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रयास सतत जारी रखे जाएं।
उत्तर
प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाला राज्य है। अब तक यहां 06 करोड़ 45
लाख 02 हजार 956 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में 02
लाख 25 हजार 09 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 36 नए मरीजों की पुष्टि
हुई, जबकि 73 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। किसी भी जिले में दोहरे अंक
में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। 54 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस
नहीं पाया गया, जबकि 21 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। इस अवधि में
पॉजिटिविटी दर 0.01% रही। कुल 508 लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले
रहे हैं। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6% है। अब तक 16 लाख 84 हजार
से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। विगत दिवस 08
लाख 20 हजार से अधिक लोगों में टीका-कवर प्राप्त किया। अब तक उत्तर प्रदेश
में 04 करोड़ 52 लाख 39 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं।
इसमें, केवल जुलाई माह में एक करोड़ 32 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाई गई है।
प्रदेश के 03 करोड़ 79 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले
ली है। यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है। कोविड
वैक्सीनेशन को और तेज करने की आवश्यकता है। टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण
की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है।
"मिशन
शक्ति" के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। महिला स्वयं सहायता समूह,
बीसी सखी जैसे प्रयासों ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वावलंबन की
राह दिखाई है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, और मुख्यमंत्री सामूहिक
विवाह जैसी योजना ने बालिकाओं और उनके अभिभावकों को बड़ा संबल दिया है। ऐसे
में अब मिशन शक्ति को साथ नवीन ऊर्जा के साथ नई दिशा देने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास पंचायती राज, गृह, महिला एवं बाल विकास
आदि विभाग परस्पर समन्वय के साथ मिशन शक्ति के अगले चरण की विस्तृत
कार्ययोजना तैयार करें। महिलाओं/बेटियों से जुड़े आपराधिक घटनाओं पर
संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए। कोविड काल में हमारे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, अन्य सहयोगी स्टाफ ने
सेवा कार्य का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
इसकी सराहना की जानी चाहिए।
इसके साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर मरीज को त्वरित चिकित्सा
सुविधा उपलब्ध हो। इस संबंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं
होगी। शासकीय सेवा के लोग हों अथवा निजी/आउटसोर्सिंग सेवा से संबंधित लोग,
निर्धारित दायित्वों का पूरी कर्मठता के साथ निर्वहन करें।
लापरवाही/नेगलेजेंसी के कारण यदि प्रदेश में किसी भी मरीज की दुःखद मृत्यु
हुई तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और गृह विभाग द्वारा इस आदेश का
कड़ाई से अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। आयुष्मान योजना से वंचित परिवारों के लिए गोल्डन कार्ड बनाने का विशेष
अभियान प्रारम्भ हो गया है। कल पहले दिन 26 हजार नए परिवारों को इस योजना
से जोड़ा गया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को प्रतिबद्धतापूर्वक संचालित किया
जाए। इसके अतिरिक्त, ऐसे अन्त्योदय कार्डधारक परिवार, जो प्रधानमंत्री जन
आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में से किसी भी योजना से
आच्छादित नहीं हैं, को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने का
निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े अन्त्योदय
कार्डधारक परिवार को बीमारी की स्थिति में होने वाले खर्च से सुरक्षा
मिलेगी। 40 लाख से अधिक अंत्योदय कार्डधारक परिवार इस निर्णय से सीधे
लाभान्वित होंगे। सभी पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाया जाए। सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय/ग्राम पंचायत भवन की स्थापना शासन
की प्राथमिकता है। यह ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली को एक व्यवस्थित
स्वरूप देने में सहायक होंगी, ग्रामीण जनता को भी बड़ी सुविधा होगी। अगले
तीन माह में प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय/पंचायत भवन
निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाए।