कोविड आपदा में गरीबों को राहत पहुंचाती "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना"
भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ में 05.07.2021 को भारत सरकार द्वारा गरीबों के कल्याण हेतु चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं प्रदेश में कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई गेहूं एवं धान की रिकॉर्ड खरीद के बारे में जानकारी दी गई।
मीडिया को संबोधित करते हुये गिरीश कुमार, महाप्रबंधक, भारतीय खाद्य निगम, उत्तर प्रदेश द्वारा बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से उत्त्पन्न आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबों को हुई कठिनाइयों को कम करने हेतु भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम(NSFA) के तहत लाभार्थियों को मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए 26.03.2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याणअन्न योजना(PMGKAY) का शुभारम्भ किया गया था| इस योजना के तहत, 05 कि.ग्रा. खाद्यान्न प्रति व्यक्ति (जिसमें 03 कि.ग्रा. गेंहूँ और 02 कि.ग्रा. चावल शामिल है) प्रति माह एनएफएसए (NFSA) लाभार्थियों को अतिरिक्त रूप से वितरित किया जा रहा है|
इस योजना से उत्तर प्रदेश की 14.71 करोड़ जनता लाभान्वित हो रही है| कुमार द्वारा बताया गया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के चतुर्थ चरण के अंतर्गत प्रदेश सरकार को भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्न निर्गत किया जा रहा है जो कि शीघ्र ही लाभार्थियों को वितरित होगा| लाभार्थियों को मुफ्त वितरण हेतु प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना(PMGKAY) के तहत उत्तर प्रदेश को कुल 40093 करोड़ रूपये लागत मूल्य का 109.33 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया है जिसका पूरा खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है| गिरीश कुमार द्वारा आगे बताया गया कि उत्तर प्रदेश में रबी विपणन सीजन 2021-22 के दौरान 12.98 लाख किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकार्ड 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई।
यह राज्य के इतिहास मे गेहूँ की अब तक की सबसे अधिक खरीद है| यह गत वर्ष हुयी खरीद से 58% अधिक है| किसानों को एमएसपी के रूप में कुल 11141.28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार से खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान 10.22 लाख किसानों से रिकार्ड 66.84 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, जो कि प्रदेश के इतिहास में धान की अब तक की सबसे अधिक खरीद है| किसानों को एम.एस.पी.(MSP)के रूप में कुल 12491.88 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया|