साधन से प्रभु नहीं मिलते अपितु प्रभु की कृपा से साधन मिलता है
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो निरंतर मेरी कथा और नाम स्मरण में प्रीति पूर्वक लगे रहते हैं उन्हीं भक्तों को मै कृपा करके वह बुद्धि प्रदान करता हूँ,जिस बुद्धि से मेरी लीला समझ आती है। कुछ लोग हैं जो नाम आश्रय किये बिना या कथा के बिना ईश्वर की खोज में लगे हैं लेकिन वो मार्ग जिस पर चलने से गोविन्द मिलते हैं वो तो श्रीकृष्ण ही भक्त पर कृपा करके बतलाते हैं।
कथा और नाम जप से हृदय विकार मुक्त होता है। प्रभु कृपा करने को बाध्य हो जाते हैं साधन से प्रभु नहीं मिलते अपितु भगवान् की कृपा से साधन मिलता है। संसार में अपनी बुद्धि, रूप, कुशलता, चातुर्यता, पद, धन किसी भी चीज पर घमन्ड मत करना। ये सब तुम्हारी बुद्धि के कारण नहीं भगवद अनुग्रह के कारण तुम्हें प्राप्त हुआ है। बुद्धि तो मिटने वाला तत्व है पर कृपा तो अहर्निश बरसती रहती है। भगवान् की कथा और नाम को कभी भी मत छूटने देना।