संस्तुत सभी जनपदों में मानक के अनुरूप 05 एकड़ भूमि उपलब्ध
लखनऊ। नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों की स्थापना की स्वीकृति
प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की
अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जनपद कन्नौज, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर,
सुल्तानपुर एवं मिर्जापुर में नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय की
स्थापना की संस्तुति की गई। जनपद कन्नौज, गौतमबुद्ध नगर एवं शाहजहांपुर में
कोई भी राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित नहीं है तथा जनपद सुल्तानपुर
में 02 बालक विद्यालय संचालित हैं, परन्तु कोई भी बालिका विद्यालय नहीं
है।
जनपद मिर्जापुर में 02 बालक/बालिका विद्यालय संचालित हैं, परन्तु जनपद
में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की बाहुलता के दृष्टिगत एक और नवीन
विद्यालय का प्रस्ताव रखा गया। उक्त सभी जनपदों में मानक के अनुरूप 05 एकड़
भूमि का प्रबन्ध किया जा चुका है। अपने
सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि अनुसूचित
बाहुल्य ऐसे जनपदों में जहां पर एक भी आश्रम पद्धति विद्यालय नहीं है, उनको
प्राथमिकता पर लिया जाये तथा सम्बन्धित जिलाधिकारियों से प्रस्ताव प्राप्त
किये जायें। बैठक में बताया गया कि शामली, मुजफ्फरनगर, मऊ, बागपत एवं
हापुड़ में विद्यालय स्थापना हेतु प्रस्ताव मांगे गये है तथा भूमि उपलब्ध
होने पर अग्रेत्तर कार्यवाही की जायेगी। उक्त के अतिरिक्त सभी जनपदों में
विद्यालय संचालित/निर्माणाधीन हैं, अथवा स्वीकृति की प्रक्रिया में है।
बैठक
का संचालन करते हुए प्रमुख सचिव समाज कल्याण के. रवीन्द्र नायक ने बताया
कि प्रदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अन्य
वर्गों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों की स्थापना एवं संचालन किया जाता है।
वर्तमान में प्रदेश के 75 जनपदों में 94 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय
संचालित हैं तथा 20 विद्यालय निर्माणाधीन है। उक्त विद्यालय निर्माण की
मानकीकृत लागत 2468.50 लाख अनुमानित है एवं विद्यालयों के संचालन हेतु
आवर्तक व्यय के रूप में प्रतिवर्ष 90लाख रूपये का व्ययानुमान है।
वर्तमान
वित्तीय वर्ष में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय निर्माण हेतु 8000 लाख
रूपये की धनराशि एवं संचालन हेतु 19416 लाख रूपये की धनराशि प्राविधानित
है।आश्रम पद्धति विद्यालयों में नवोदय विद्यालयों की भांति
कक्षा 06 से कक्षा 12 तक शिक्षा दी जाती है। इन विद्यालयों में 85 प्रतिशत
छात्र ग्रामीण तथा 15 प्रतिशत शहरी क्षेत्र से चयनित किये जाते हैं। इन
विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, 25 प्रतिशत अन्य
पिछड़ा वर्ग तथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाता
है। कक्षा 06 से कक्षा 12 तक प्रत्येक कक्षा में 35-35 छात्रों के दो
सेक्शन संचालित होते हैं तथा प्रत्येक विद्यालय की कुल छात्र संख्या 490
होती है।