गुरुद्वारा नाका हिण्डोला मे श्रद्धा के साथ मनाया गया श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज का 400वा जन्मोत्सव
लखनऊ।
गुरमति चेतना समागम का समापन
एवं भादों माह संक्रान्ति पर्व मनाया गया।
15.08.2021 को श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 400वें प्रकाश उत्सव (जन्मोत्सव) को समर्पित गुरमत चेतना समागम श्री गुरु सिंह सभा एवं दशमेश सेवा सोसाइटी की ओर से ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ मे बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
रहिरास साहिब के पाठ के उपरान्त हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने शबद कीर्तन एवं समूह संगत को नाम सिमरन करवाया। मुख्य ग्रन्थीे ज्ञानी सुखदेव सिंह ने श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के जीवन पर गुरमति विचार प्रकट किये।
भाई वीर सिंह हुजूरी रागी गुरूद्वारा अहिया गंज ने गुरबाणी कीर्तन द्वारा समूह साध संगत को निहाल किया। सोसाइटी के संचालक मंडल के तजिन्दर सिंह, इन्दरजीत सिंह, हरविंदरपाल सिंह नीटा मनजीत सिंह दुआ, हरजीत सिंह की देखरेख में समागम हुआ।
दिनांक-16.08.2021 श्री गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में भादों माह संक्रान्ति पर्व पर बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
शाम का विशेष दीवान 6.30 बजे से प्रारम्भ हुआ जो रात्रि 9.15 बजे तक चला जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में शबद कीर्तनः-
भादुहि भरमि भुलाणीआ दूजै लगा हेतु ।।
लख सीगार बणाइीया कारजि नाही केतु।।
एवं नाम सिमरन द्वारा आई साध संगतों को निहाल किया, उसके उपरान्त ज्ञानी सुखदेव सिंह ने भादों माह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर को छोड़कर किसी अन्य वस्तु से जुड़ना अज्ञानता है। माया का मोह भ्रम है, यह किसी काम नही आता, जिस दिन शरीर का नाश हो जायेगा जिन सम्बन्धियों के साथ प्यार था पल में छोड़ जायेंगे। यह शरीर रुपी धरती कर्मों का खेत है, जो जैसा बीज बोता है, वैसा ही काटेगा, किये गये कर्मों के मुताबिक फल मिलता है।
श्री गुरु नानक देव जी फरमाते हैं जो जीव प्रभु की शरण में आ जाते हैं, उन्हें चरण रुपी जहाज में बैठाकर प्रभु संसार से पार कर देता है। वह मनुष्य ही इस माह में नरक में नही जाते जिनका ईश्वर रखवाला है। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया
समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने दिनॉक 15/08/2021 को दशमेश सेवा सोसाइटी द्वारा किये गये कार्यक्रम गुरमति चेतना समागम की सराहना की और संगत को भादों माह संक्रान्ति पर्व की बधाई दी तत्पश्चात गुरू का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।