आलमबाग पुलिस ने गांजा तस्कर को किया गिरफ्तार, बरामद माल में किया बड़ा गोलमाल
लखनऊ। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अपराधियों पर लगाम कसने के लिए लगातार प्रशासन पर दबाव बना रही है वहीं राजधानी लखनऊ लखनऊ कमिश्नरेट की आलमबाग पुलिस ने चेकिंग दौरान आलमबाग एक नशे के कारोबारी जय मिश्रा नाम के व्यक्ति को पकड़ा जिसके पास से गाजा व नगदी बरामद हुआ। आलमबाग पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नशे के तस्कर जय मिश्रा के पास से 1,250-ग्राम अवैध गांजा बरामद हुआ है लेकिन वहीं दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार आलमबाग पुलिस इस मामले में बहुत बड़ा गोलमाल कर रही है।
सूत्रों के हवाले से जानकारी प्राप्त हुई है कि उक्त व्यक्ति के द्वारा बताए गए 2 जगहों से दो 2 किलो गांजा बरामद हुआ, इसके साथ ही साथ जिस जगह से गांजा बरामद हुआ उन लोगों से 10-10 हजार रुपए की नगदी भी बरामद की गई और गिरफ्तार जय मिश्रा के पास कुल नगद रकम 40 हजार रुपए बताई जा रही है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर जय मिश्रा के द्वारा बताए गए दोनों जगह से दो दो किलो गांजा बरामद हुआ मतलब कुल 4 किलो गांजा बरामद हुआ तो आलमबाग पुलिस उसे 1 किलो 250 ग्राम क्यों दिखा रही और नगदी रकम की बात मीडिया के सामने क्यों नहीं रखी,यह बहुत बड़ा सवालिया निशान उठता है। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आती है। अतः इस मामले में उच्च अधिकारियों को गंभीरता पूर्वक जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके।
इस घोटाले के पूरे मामले में आलमबाग थाने के दो सिपाही नाम नवीन और सरदार तरनजीत नाम सामने आ रहा है। इन्हीं दोनों सिपाहियों ने मवैया क्षेत्र से जय मिश्रा नामक युवक को गिरफ्तार किया था। वही एक महिला की मानें तो जय मिश्रा के पास 40 हजार रुपये नगद थे। महिला ने बताया कि दोनों सिपाहियों ने हम लोगो से भी 10-10 हजार रुपए लिया था। अब ऐसे में चिंता का विषय यह है कि साफ-सुथरी छवि के राजधानी लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर की छवि को खराब करने पर ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मचारी आमादा हो जाएंगे तो कानून व्यवस्था का क्या अंजाम होगा! यह बहुत ही चिंता का विषय है।वहीं दूसरी तरफ फोन कॉल पर महिला द्वारा बताई गई बात की ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।