एकीकृत मण्डलीय कार्यालय निर्माण के सम्बन्ध में गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक की गई आयोजित
लखनऊ। वाराणसी एवं गोरखपुर में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय के निर्माण के
सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित
राज्य स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें अद्यतन प्रगति की समीक्षा
की गई।
अपने
सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि एकीकृत मण्डलीय
कार्यालय में आगन्तुकों के बैठने एवं उनके लिए पेयजल, टॉयलेट आदि की समुचित
व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायें। उन्होंने कहा कि एकीकृत मण्डलीय कार्यालय
भवन में सभी विभागों के लिए पर्याप्त स्थान के साथ-साथ स्टोरेज एवं
पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था रहे। उन्होंने चिन्हित सभी विभागों से
लिखित सहमति प्राप्त करने के निर्देश दिये कि आवंटित स्थान एवं पार्किंग
उनकी जरूरतों के अनुसार है। एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर में एन्ट्री एवं
एक्जिट इस प्रकार से निर्धारित किया जाये कि पीक आवर्स में अनावश्यक भीड़ न
हो तथा ट्रैफिक जाम की स्थिति न बनें।
इससे
पूर्व प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वाराणसी एवं गोरखपुर में प्रस्तावित
एकीकृत मण्डलीय कार्यालय के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई।
एकीकृत मण्डलीय कार्यालय वाराणसी के सम्बन्ध में बताया गया कि 27047
वर्गमी. भूमि में भूतल प्लस 19 मंजिल होंगे, जिसमें मण्डलीय कार्यालय,
व्यावसायिक भवन, सभागार एवं कमिश्नरी अदालत, एडवोकेट चैम्बर्स, पार्किंग
आदि का प्राविधान है। एकीकृत भवन में 45 कार्यालय शिफ्ट होंगे। 01 हजार
वाहनों की पार्किंग के लिए व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। परियोजना की
अनुमानित लागत 324.88 करोड़ रुपये तथा अनुमानित अवधि 21 माह है।
एकीकृत
मण्डलीय कार्यालय गोरखपुर के सम्बन्ध में बताया गया कि 42708 वर्गमी.
क्षेत्रफल में बेसमेन्ट प्लस 09 मंजिल प्रस्तावित हैं, जिसमें 61 कार्यालय
शिफ्ट होंगे। सभी कार्यालयों के लिए श्रेणीवार केबिन, चैम्बर व बैठने का
विस्तृत प्राविधान किया गया है। प्रत्येक फ्लोर पर मीटिंग हॉल, 300 की
क्षमता का एक ऑडीटोरियम, आधुनिक अभिलेखागार, कैन्टीन, लाइब्रेरी,
प्रतीक्षालय, बैंक, सुरक्षा चेक आदि के लिए भी समुचित प्राविधान किया गया
है। इसके अलावा 560 चार पहिया एवं 400 दो पहिया वाहन, अधिवक्ताओं हेतु
चैम्बर व आमजन के लिए कैन्टीन भी प्रस्तावित किया गया है। परियोजना की
अनुमानित लागत 254.58 करोड़ है।