मुख्यमंत्री योगी द्वारा कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को दिए गए दिशा-निर्देश
लखनऊ। सतत समन्वित, नियोजित प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर
बने प्रभावी नियंत्रण के बीच प्रदेश में जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा
है। देश के अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश में स्थिति बहुत बेहतर
है। आज प्रदेश के 34 जिलों में कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। विगत
दिवस हुई कोविड टेस्टिंग में 66 ज़िलों में संक्रमण का कोई भी नया केस नहीं
मिला। वर्तमान में 182 संक्रमितों का उपचार हो रहा है।
औसतन हर दिन सवा दो
लाख से ढाई लाख तक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम हो
गई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। कोविड से बचाव के लिए प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
जल्द ही हम 09 करोड़ से अधिक कोविड डोज देने वाले देश के प्रथम राज्य
होंगे। अब तक प्रदेश में 07 करोड़ 45 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज
प्राप्त कर ली है। जबकि 1.52 करोड़ से ज्यादा लोगों ने दोनों डोज का कवर पा
लिया है। विगत दिवस 10 लाख 80 हजार से अधिक लोगों ने टीकाकवर प्राप्त
किया। इस प्रकार प्रदेश में कुल कोविड वैक्सीनेशन 08 करोड़ 97 लाख से अधिक
हो गया है। यह किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। इस प्रक्रिया को
और तेज किए जाने की आवश्यकता है। टीके की उपलब्धता के लिए भारत सरकार से
सतत संपर्क बनाए रखा जाए। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे
परिणाम मिल रहे हैं।
अब तक 07 करोड़ 55 लाख 39 हजार 756 कोविड सैम्पल की
जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख 21 हजार 226 सैम्पल
टेस्टिंग में 19 नए मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र 09 जनपदों में ही नए मरीज
मिले। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक
16 लाख 86 हजार 538 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो
चुके हैं। यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही
संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है। कोविड की अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रदेश के 34 जनपदों (अलीगढ़, अमरोहा,
अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर,
बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गोंडा, हमीरपुर,
हरदोई, हाथरस, कानपुर देहात, कासगंज, महोबा, मुरादाबाद, पीलीभीत, प्रतापगढ़,
रामपुर, सहारनपुर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सुल्तानपुर और
सोनभद्र) में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण
से मुक्त हैं।
डेंगू
आदि अन्य वायरल बीमारियों की रोकथाम के लिए और ठोस प्रयास करने की जरूरत
है। जनपद फिरोजाबाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 चिकित्सकों की तथा
चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से 05 विशेषज्ञों की एक नई टीम तत्काल भेजी
जाए। यह टीम अगले एक सप्ताह तक वहां कैंप करेगी। अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की मॉनिटरिंग करें। नगर विकास विभाग द्वारा अतिरिक्त कर्मियों की
तैनाती कर स्वच्छता, फॉगिंग आदि कार्य को और तेज किया जाए। बरसात के मौसम को देखते हुए डेंगू, मलेरिया व अन्य वायरल बीमारियों के
संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए जारी प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को
और प्रभावी बनाया जाए। सर्दी, जुकाम, बुखार, श्वांस समस्या आदि संबंधित
चिन्हित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था कराई जाए। आवश्यकतानुसार जांच
भी कराई जाए। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त/डायरिया आदि की
जरूरी दवाइयां वितरित की जाएं।
विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप
उपचार की समुचित व्यवस्था रहे। बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी
जाए। प्रदेश के सभी
अस्पतालों को साधन-सुविधा संपन्न बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी
जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री के स्तर से स्वास्थ्य विभाग
के सभी अस्पतालों में चिकित्सकों की रिक्तियों समीक्षा की जाए। जहां भी
जरूरत हो, विभाग द्वारा तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाए। केंद्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 409
ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज व अन्य शासकीय
अस्पतालों में क्रियाशील यह ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट भविष्य की आवश्यकताओं
के दृष्टिगत अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। शेष 146 प्लांट की स्थापना की
कार्यवाही भी तेजी से की जाए। तकनीशियनों का यथोचित प्रशिक्षण शीघ्र पूरा
कराया जाए।
जिलाधिकारी गण निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों का सतत निरीक्षण
करते रहें। एक जनपद-एक
मेडिकल कॉलेज के संकल्पपूर्ति के क्रम में एक ओर जहां 09 जनपदों में मेडिकल
कॉलेजों का लोकार्पण होने जा रहा है, वहीं 14 जनपदों में मेडिकल कॉलेज की
स्थापना की भी तैयारी है। आगामी सप्ताह इन 14 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास
किए जाने के संबंध में सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं। गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, महराजगंज, गोंडा, श्रावस्ती सहित पूर्वी उत्तर
प्रदेश के कुछ गांवों में बाढ़/अतिवृष्टि की समस्या है। अद्यतन स्थिति के
अनुसार सभी नदियों का जलस्तर कम हो रहा है। प्रभावित लोगों की जरूरत का
पूरा ध्यान रखा जाए। प्रभावित लोगों को तत्काल राशन आदि उपलब्ध कराया जाए।
राहत कार्य पूरी तत्परता के साथ किया जाए। प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के
उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी
प्रकरणों की गहन समीक्षा कर यथाशीघ्र यथोचित समाधान किया जाए। प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, व्यापार व उद्योग विभाग द्वारा माह
में एक बार तथा मंडलायुक्त व आईजी/डीआईजी स्तर से दो माह में एक बार
व्यापारिक संगठनों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक की जाए।
ज्यादातर समस्याओं
का हल स्थानीय से ही निकल सकता है। जो मामले स्थानीय स्तर पर हल न हो सकें,
उन्हें शासन को संदर्भित करें। इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ कोशिश की
जाए। विश्वविद्यालयों/स्कूल/कॉलेजों में दिव्यांग जन, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित
जाति एवं अनुसूचित जनजाति संवर्ग के छात्र-छात्राओं को देय छात्रवृत्ति का
भुगतान समयबद्घ ढंग से हो। सामान्य वर्ग के बच्चों को शुल्क प्रतिपूर्ति
की व्यवस्था है। यह उनके लिए बड़ा सहारा है। सभी का पिछला बकाया तत्काल
भुगतान कर दिया जाए। प्रत्येक दशा में 02 अक्टूबर तक समस्त देय
छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर दिया जाए। सचिवालय सहित सभी संवेदनशील शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और
पुख्ता करने की जरूरत है। इसके दृष्टिगत इन भवनों के सुरक्षा की जिम्मेदारी
नवगठित "उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ)" को सुपुर्द करने पर
विचार करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जानी चाहिए।