औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों एवं नालियों की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू कराये यूपीसीडा- मुख्य सचिव
लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित
प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग गु्रप की बैठक में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान किये गये
एमओयू के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति, औरेय्या प्लास्टिक सिटी का विकास,
दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर, अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इण्डस्ट्रियल
कॉरीडोर, सैनिक स्कूल गोरखपुर एवं अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण की
प्रगति की गहन समीक्षा की गई।
यूपीसीडा
की परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने
कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों की सभी सड़कों एवं नालियों का सर्वे कराकर उनकी
मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित
कार्यों की जियो टैगिंग भी करा ली जाये तथा सड़कों की मरम्मत उन पर चलने
वाले वाहनों के लोड के दृष्टिगत सुदृढ़ कराया जाये ताकि वह बार-बार खराब न
हो। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग भी सड़कों की मरम्मत का
कार्य शीघ्र शुरू करे। सैनिक
स्कूल गोरखपुर एवं अटल आवासीय विद्यालयों की समीक्षा करते हुए उन्होंने
कार्य की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। औरेय्या प्लास्टिक सिटी के विकास
की समीक्षा में बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी,
पुलिया, नाली, बाउण्ड्रीवाल, सीवर लाइन एवं जलापर्ति से सम्बन्धित सभी
निर्माण कार्य कराये जा चुके हैं तथा सामान्य अवस्थापना सुविधाओं को विकसित
करने में करीब 40 करोड़ रुपये व्यय किये गये हैं।
रियायती दरों पर आवंटियों
को कच्चा माल, गैस सप्लाई करनें एवं उनका मार्गदर्शन करने हेतु गेल के साथ
एमओयू हस्ताक्षर किये गये हैं। 06 पट्टा आवंटियों द्वारा भूमि पर कब्जा
प्राप्त कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अब तक 20 निवेशकों का
भूमि आवंटित की जा चुकी हैं। औरेय्या प्लास्टिक सिटी में निवेशकों को
आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रचार एवं संचार के माध्यमों के द्वारा योजना
की जानकारी प्रदान की जा रही है। बैठक में यह भी बताया गया कि प्लास्टिक
सिटी को प्लास्टिक पार्क की संज्ञा प्रदान करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध
किया गया है। अमृतसर-कोलकाता
इंडस्ट्रियल कॉरीडोर की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि जनपद प्रयागराज
में 1139 एकड़ तथा जनपद आगरा में 1050 एकड़ भूमि कॉरीडोर के लिए चिन्हित की
गई है, जिसे भारत सरकार द्वारा भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
प्रयागराज के लिए कन्सल्टेन्ट के चयन हेतु टेण्डर प्रक्रिया प्रचलित है।
जनपद आगरा के के लिए कन्सल्टेन्ट का चयन किया जा चुका है तथा डीपीआर व
प्रारंभिक डिजाइन तैयार कराने की कार्यवाही की जा रही है। दिल्ली-मुम्बई
इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि भूमि अधिग्रहण
की कार्यवाही प्रगति पर है। 83.1839 हेक्टेयर भूमि का अर्जन कर माह
अक्टूबर, 2021 में अवार्ड कर भूमि पर कब्जा दे दिया जायेगा। रेलवे अधिनियम
के अन्तर्गत अन्य 26.0343 हेक्टेयर के अर्जन की कार्यवाही भी प्रगति पर
है। इन्वेस्टर्स
समिट के दौरान किये गये एमओयू के क्रियान्वयन की प्रगति समीक्षा में बताया
गया कि 218 एमओयू, प्रस्तावित निवेश करीब 51923 करोड़ रुपये में उत्पादन
शुरू हो गया है। 135 एमओयू, प्रस्तावित निवेश करीब 37700 करोड़ रुपये में
तेजी से काम चल रहा है। 453 एमओयू प्रस्तावित निवेश करीब 81265 करोड़ रुपये
क्रियान्वयन की प्रक्रिया में है। माह अगस्त, 2021 में 05 एमओयू प्रस्तावित
निवेश करीब 289 करोड़ रुपये का कार्य शुरू हो गया है जिसमें मे. कनोडिया
गु्रप का गौतमबुद्धनगर में निवेश 170 करोड़ रुपये में. जयनारायण फेबटेक का
मेरठ में निवेश 80 करोड़ रुपये भी शामिल है।
बैठक
में यह भी बताया गया कि एमओयू के क्रियान्वयन के लिए माहवार लक्ष्य
निर्धारित किये गये हैं। माह सितम्बर में 08 एमओयू निवेश 1688.20 करोड़,
अक्टूबर में 11 एमओयू निवेश 5147.13 करोड़, माह नवम्बर में 09 एमओयू निवेश
1005.42 करोड़, माह दिसम्बर में 19 एमओयू निवेश 13148.72 करोड़ को
क्रियान्वित करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है, यह लक्ष्य निवेशकों से
सम्पर्क व समन्वय के पश्चात् ही निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार माह
जनवरी, 2022 में 141, फरवरी में 75, मार्च में 04, अप्रैल में 40, मई में
15, जून में 104 तथा पोस्ट जून, 2022 में 16 एमओयू, को क्रियान्वित करने का
लक्ष्य है, तद्नुसार सम्बन्धितों निवेशकों से वार्ता भी हो गई है। मुख्य
सचिव ने अपेक्षा की कि बड़े निवेशकों से औद्योगिक विकास विभाग के सीनियर
अधिकारी स्वयं वार्ता करें तथा अधीनस्थ उसका नियमित फालोअप करते रहें।