स्मृति इरानी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रतिपादित ‘महिला नीत विकास’ के महत्त्व पर दिया जोर
महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने राष्ट्रीय सम्मेलन, 2021 की अध्यक्षता की। यह सम्मेलन 30 और 31 अगस्त को गुजरात के केवड़िया में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में महिला और बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र भाई मुंजपरा तथा विभिन्न राज्यों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
इनके अलावा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के महिला और बाल विकास/सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव भी सम्मेलन में उपस्थित थे। यह राष्ट्रीय सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन तथा प्रबंधन पर चर्चा की गई। इन कार्यक्रमों में तीन प्रमुख मिशनों से सम्बंधित नई पहलें शामिल थीं, जैसे मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति। इन सब पर विस्तार से चर्चा की गई। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थल पर महिला और बाल विकास मंत्री द्वारा महान भविष्य-दृष्टा लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के क्रम में मुख्य आयोजन का शुभारम्भ हुआ।
इसके बाद महिला एवं बाल सशक्तिकरण वन में स्मृति जुबिन इरानी तथा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने पोषक फलों के पौधे लगाये, ताकि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बल मिले तथा देशभर में पोषक वाटिकाओं/पोषक फल पौधारोपण को बढ़ावा मिले। सम्मेलन के दौरान केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने तीन प्रमुख मिशनों और वैश्विक सूचकांकों पर प्रस्तुतिकरण पेश किया। इसके अलावा, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्षों ने बाल अधिकारों तथा महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किये। राज्यों के प्रतिनिधियों ने खुलकर चर्चा में हिस्सा लिया और मूल्यवान सुझाव व जानकारी दी।
उसी दिन बाद में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने प्रमुख व्याख्यान भी दिया, जिसमें भारत में महिलाओं तथा बच्चों के भविष्य के बारे में उन्होंने अपने विचार व्यक्त किये। मंत्री महोदया ने मिशन पोषण 2.0 का हवाला देते हुये कहा कि पोषण माह 2021 का आरम्भ एक सितंबर, 2021 से होगा। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे पूरे मन से इसमें हिस्सा लें और पोषण वाटिकाओं के विकास का लक्ष्य खुद तय करें। उन्होंने कहा कि सभी राज्य 13 जनवरी, 2021 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कुपोषण से बुरी तरह पीड़ित बच्चों की पहचान तथा उनके उपचार का अभियान चलायें।
उन्होंने राज्यों से यह भी आग्रह किया कि आगनवाड़ियों की अधोसंरचना का विकास करें और इसी माह मोबाइल फोन तथा जीएमडी की आपूर्ति पूरी कर दें। मिशन वात्सल्य के सिलसिले में मंत्री महोदया ने किशोर न्याय अधिनियम में हाल में किये गये संशोधनों के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संशोधनों से जिलाधिकारियों का दायित्व बढ़ेगा तथा जोखिम वाले बच्चों को समाज में घुलने-मिलने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे किशोर न्याय संशोधन अधिनियम के तहत बनाये जाने वाले नियमों पर अपने विचार व सुझाव दें। मंत्री महोदया ने ‘महिला नीत विकास’ के महत्त्व को रेखांकित करते हुये कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है।
उन्होंने कहा कि हम कामकाजी महिलाओं और युवतियों के लिये हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराकर एक मॉडल पेश कर सकते हैं, जहां रोजगार की तलाश में विभिन्न राज्यों की महिलायें रह सकें। उन्होंने मिशन शक्ति का भी हवाला दिया और कहा कि ‘वन स्टॉप’ केंद्रों का बहुत महत्त्व है। उन्होंने राज्यों से निवेदन किया कि वे उन सभी जिलों में ‘वन स्टॉप’ केंद्र खोलें, जहां वे मौजूद नहीं हैं। महिला और बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र भाई मुंजपरा ने भी सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किये। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के इस सम्मेलन में हमारे संघीय ढांचे की सच्ची भावना प्रकट हुई, जिसके नतीजे में देश की महिलाओं तथा बच्चों के विकास और कल्याण के लिये समेकित व एकीकृत प्रयासों का महत्त्व सामने आया।