आंदोलनकारी किसानों के हत्यारों को गिरफ्तार करके सख्त से सख्त सजा दी जाए- संजय सिंह
लखनऊ। पिछलेे 10 महीने से देश का अन्नदाता किसान धरने पर बैठा हुआ है। 650 किसानों ने या तो आत्महत्या की है या गोलियों से भून दिया गया है। देश की सरकार उनकी एक ही मांग है कि इन तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए, जो किसानों की मौत का फरमान है लेकिन मोदी की सरकार इन किसानों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी, गुंडा और मवाली मानती है, उनके सामने कंटीले तार लगाए जाते हैं।
आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले मंत्री अजय मिश्र टेनी का बयान आया था कि किसानों को ठीक कर दूंगा दो मिनट के अंदर और आज सूचना मिल रही है कि लखीमपुर में उनके बेटे ने अपनी गाड़ी से रौंदकर तीन आंदोलनकारी किसानों को मार दिया। यह घटना अंग्रेजी शासन वाले हिंंदुस्तान की नहीं है। आजादी के 75 साल बाद नरेन्द्र मोदी वाले हिंदुस्तान की है, योगी वाले हिंदुस्तान की है जहां पर भारतीय जनता पार्टी का शासन है।
तीन किसानों को केंद्रीय मंत्री का बेटा अपनी गाड़ियों से रौंदकर मार देता है। उसकी निगाह में किसान की कीमत जानवर से ज्यादा नहीं है। उसकी निगाह में देश के अन्नदाताओं की कीमत किसी भुनगे से ज्यादा नहीं है। मैं अपील करता हूं मोदी अब तो इन काले कानूनों को वापस ले लीजिए और इन हत्यारों को गिरफ्तार करके सख्त से सख्त सजा दी जाए। मामले की सीबीआई जांच कराई जाए और जो किसान मारे गए हैं उनके परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।