आज़ादी हमें किसानों ने दी थी, जिसका अमृत उत्सव मना रहे हैं मोदी- प्रियंका गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक/प्रवक्ता ने बताया अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा वाराणसी में किसान न्याय रैली के पहले वह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचीं। विश्वनाथ मंदिर में प्रियंका गांधी ने विधि-विधान पूजा-अर्चना की। अन्नपूर्णा मंदिर में भी मां भगवती का आशीर्वाद लिया। इसके बाद अन्नपूर्णा मंदिर से प्रियंका का काफिला दुर्गाकुंड पहुंचा। यहां दुर्गा जी का प्रियंका ने दर्शन-पूजन किया। इससे पहले एयरपोर्ट से मंदिर तक रास्ते में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह उनका अभिनंदन किया।
किसान न्याय रैली की शुरूआत मां दुर्गा की स्तुति से शुरू की, प्रियंका गांधी ने संबोधन में कहा कि आज नवरात्रि का चौथा दिन मैं व्रत हूं, तो मैं मां की स्तुति से शुरू करना चाहती हूँ,
या देवी सर्वभूतेषु, शक्ति रूपेण संस्था,
नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः,
सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
मेरे साथ कहिए जय माता दी जय माता दी जय माता दी। उन्होंने कहा कि ‘पिछले हफ्ते लखीमपुर खीरी में जो हुआ, इस देश के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी से 6 किसानों को कुचल दिया, सभी परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार मंत्री के बेटे को बचाने में लगी है. पुलिस और उत्तर प्रदेश की सरकार विपक्षी नेताओं को रोकने में लगी है। गांधी ने कहा, ‘पीड़ित परिवारों को घरों में नजरबंद किया गया, अपराधी को नहीं पकड़ा गया। प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए कहा कि गंगा पुत्र को किसानों की चिंता नही है, वह अपने पूंजीपति मित्रों को सरकारी सम्पदा का स्वामी बनाने में जुटें है उंन्होने कहा कि भाजपा सरकार जिस आजादी का अमृत महोत्सव मना रही हैं,उनको पता होना चाहिये कि यह आजादी किसानों के संघर्ष का फल है।
उनके बेटे देश की सीमाओं की रखवाली कर रहे और प्रधानमंत्री उन्ही किसानों पर काले कृषि कानून लाद देते है 11 महीने से किसान सड़को पर आंदोलनरत है, असंख्य किसान शहीद हो गए और मानवीय ह््रदय विहीन यह सरकार के मुख से संवेदना का एक शब्द बोलने को तैयार नही है।जिस उत्सव में किसान नौजवान नही उसका क्या मतलब? किसान देश को अन्न दे रहे उनके बेटे सीमा पर देश को सींच रहे। प्रियंका ने सम्बोधन में कहा कि यह देश एक आस्था है एक उम्मीद है इसलिए न्याय की उम्मीद पर इस देश को आजादी मिली जिसको आज पैरों के नीचे रौंदने की कोशिश हो रही है,जिसे बर्दास्त नही किया जाएगा। उंन्होनें कहा कि महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए गए तो उनके दिल में ख्याल था कि मेरी जनता को मेरे देश में, मेरे किसानों को मेरे देश में, मेरे देश की महिलाओं को मेरे देश में न्याय मिलेगा। आज उनके स्वप्नों को बिखेरने की घटिया कोशिश हो रही है। उंन्होने लखीमपुर घटना का जिक्र करते हुए बताया कि पीड़ित परिवारों से मिली, उन्होंने कहा उनका बेटा एसएसबी में भर्ती हुआ है।
सभी के घर में सभी के घर वालों ने यही कहा कि हमें न्याय चाहिए लेकिन सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है हत्यारों को बचाने का अनुचित प्रयास किया जा रहा। किसान आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह जानते हैं यह सरकार के बनाए जो तीन काले कानून हैं, उनके खेत, उनकी आमदनी, उनके फसल सब उद्योगपतियों के कब्जे में जाने वाली है,जो सेब पहले 88 रुपये किलो किसान बेच रहे थे अब वह 70 रुपये किलो बेचा जा रहा है क्योंकि उनकी फसल की कीमत खरबपति तय कर रहे हैं, आंदोलन कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री ने आंदोलन जीवी भी कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि उत्तर प्रदेश आओगे तो सुधार देंगे यह भाषा क्या शोभा देती है।प्रधानमंत्री देश देश घूम रहे हैं लेकिन उनको किसानों से मिलने का फुर्सत नही,उत्तर प्रदेश में जनता नाराज आक्रोशीत है क्योंकि जिस समय लोगों की आय घट रही है उस समय प्रधानमंत्री के उद्योगपति मित्रों की आमदनी बढ़ रही है ।देश के तमाम सार्वजनिक उपक्रम उद्योगपति मित्रों को बेच दिए गए। प्रधानमंत्री ने अपने लिए दो हवाई जहाज खरीदते है,आप बताइए कितने के हवाई जहाज आपको मालूम है, सब पता है एक हवाई जहाज 8000 करोड़ का है दो हवाई जहाज खरीदे यानी 16000 करोड़ रुपए और इस देश की एयर इंडिया कितने रुपए में बेची 18000 करोड़ रुपए में अपने लिए 16000 करोड रुपए के दो जहाज लिए और देश की एयर इंडिया बेच दी।
गांधी ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार सुरक्षित है, प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं उनके मंत्री सुरक्षित हैं और उनके खरबपति उद्योग मित्र सुरक्षित हैं बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर प्रचार किया जा रहा है लेकिन सच्चाई क्या है आप जानते हैं क्या आप की फसलों का उचित दाम मिलता है,क्या आपके बच्चों की पढ़ाई की फीस आ पा रही है। उंन्होने कहा अभी चुनाव की बात नहीं है देश को बचाने की बात है, इसलिये सबको एकजुट होकर क्रूरता अन्याय का प्रतिकार करना होगा, यह देश भाजपा के उनके मंत्रियों के उनके प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रीयां की जागीर नहीं है यह देश हम सबका देश है, इस देश को कौन बचाएगा? अगर आप जागरूक नहीं बनेंगे समझदार नहीं बनेंगे, आप इनकी राजनीति में उलझ आएंगे तो आप ना अपने देश को बचा पाएंगे ना अपने आपको बचा पाएंगे। गांधी ने कहा किसान इस देश की आत्मा है, प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से हैं लेकिन क्या वह जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में आवारा पशु की कितनी बड़ी समस्या है हर आधा-आधा किलोमीटर पर आवारा पशु बैठे हैं, मैंने देखा है,किसानों की बिजली के दाम तीन बार बढ़ा चुके हैं क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है, क्या प्रधानमंत्री ने देखा है कि किसानों को कितनी बिजली मिल रही है प्रदेश का हर परिवार त्रस्त है दूसरी ओर 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे है, प्रदेश में बिजली नहीं मिल रही कोयला खत्म हो रहा है।
उन्होने कहा कि परसों मैं लखनऊ की एक बस्ती में गई इसलिए गई क्योंकि योगी ने एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया सफाई कर्मचारियों के प्रति मेरी बहनों के प्रति, जो अपने घरों में झाड़ू लगाते हैं, सफाई करते हैं घरों के साथ रखते हैं उनके प्रति योगी आदित्यनाथ ने अपमानजनक शब्द प्रयोग किए, मैं एक घर से दूसरे घर हर घर में सब ने बताया कि उनके घर के किसी युवा ने बीए किया था किसी ने एमए किया था लेकिन उनके पास नौकरी नहीं रोजगार नहीं है। काँग्रेस महासचिव ने कहा कि मैनें देखा है वह सच्चाई आपसे बयां कर रही हूँ। गांधी ने कहा कि शुरू में सबसे पहले सोनभद्र में घटना हुई, उम्भा में पुलिस प्रशासन की सहमति से कुछ लोगों ने जमीन छीनने की कोशिश कर रहे थे,जीप से आए और गोली चलाई 13 लोगों को शहीद किया,उम्भा में नरसंहार हुआ जब मैं उनसे मिलने गई तो मेरे मन में एक बात बहुत स्पष्ट लगी जिस परिवार के पास में जा रही थी वह कह रहे थे हमें मुआवजा नहीं चाहिए हमें इंसाफ चाहिए। उसके बाद कोरोना हुआ ,वही हुआ और सरकार मदद के बजाय आक्रामक हो गयी, जो अस्पताल कह रहा था हमारे पास आज आक्सीजन नहीं है सरकार उस पर हमले कर रही थी सभी को लग रहा था कि न्याय की उम्मीद नहीं,उसके बाद हाथरस की घटना हुई परिवार को न्याय नहीं मिला पुलिस ने परिवार को बिना लिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया,उनके घर के लोगों ने भी हमें यही कहा दीदी हमें न्याय चाहिए।
अब लखीमपुर में भी यही हुआ पिछले हफ्ते से हम यही देख रहे हैं देश के केंद्रीय राज्य मंत्री का पुत्र अपनी गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्मलता से कुचल देता है,और सब के सब 6 के 6 परिवार यह कहते हैं, हमें पैसे नहीं चाहिए हमें मुआवजा नहीं चाहिए हमें न्याय चाहिए लेकिन हमें न्याय दिलवाने वाला इस सरकार में कोई नहीं दिख रहा है, आपने देखा कि मेरी गिरफ्तारी की गई पूरी पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए लग गई न्याय दिलवाने के बजाए पुलिस मंत्री और उनके परिवार को बचाने में लग गई। हम डरने वाले लोग नहीं हैं हम गांधी को मानने वाले कांग्रेस के लोग हैं ।कांग्रेस जिसने इस देश को आजादी दिलाई हम तब तक चुप नहीं बैठने वाले जब तक हत्यारे केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी नहीं होती है, आपको हमें मारना है मारिए, जेल में डालिए, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे, पीछे नहीं हटने वाले हम कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं यहां पर जितने भी लोग मंच पर बैठे नेता हैं उन सबको आप ने नेता बनाया है, हम सब मिलकर आपके साथ खड़े हैं आप के साथ अन्याय हो रहा है इस अन्याय के विरुद्ध हम लड़ेंगे आपको न्याय दिलाएंगे।