कुछ हँस के बोल दिया करो
कुछ हँस के बोल दिया करो कुछ हँस के टाल दिया करो,
यूँ तो बहुत परेशानियां हैं तुमको भी मुझको भी,
मगर कुछ फैसले वक्त पे डाल दिया करो।
न जाने कल कोई हंसाने वाला मिले न मिले..
इसलिये आज ही हसरत निकाल लिया करो।
हमेशा समझौता करना सीखिए..
क्योंकि थोड़ा सा झुक जाना किसी रिश्ते को
हमेशा के लिए तोड़ देने से बहुत बेहतर है।
किसी के साथ हँसते-हँसते उतने ही हक से,
रूठना भी आना चाहिए,
अपनो की आँख का पानी धीरे से
पोंछना आना चाहिए।
रिश्तेदारी और दोस्ती में कैसा मान अपमान,
बस अपनों के दिल में रहना आना चाहिए..