सत्ता और अहंकार के चलते जलशक्ति मंत्री ने घोटाले पर पर्दा डालने का कर रहे काम- संजय सिंह
लखनऊ। प्रदेश के हर घर में नल से जल देने की योजना पर महाघोटाले की जांच शुरू हो गई है। जल जीवन मिशन में इंपैनलमेंट टेंडर वेंडर में गड़बड़ियां करने से लेकर मनमाने दरों पर काम देने के साथ ही ब्लैक लिस्टेड कंपनी को पाइप सप्लाई करने का काम देने के आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के अमित चोपड़ा ने लोकायुक्त से शिकायत की थी, जिसमें हजारों करोड़ के घोटाले के साथ ही भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाए थे।
अमित चोपड़ा की शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रदेश सरकार के जलशक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव को सभी तथ्यों और तर्कसंगत साक्ष्यों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए आगामी 7 अक्टूबर को तलब किया है। आम आदमी पार्टी के सांसद और यूपी के प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन में एनआरएचएम से बड़ा घोटाला हुआ है। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और मिशन के आला अधिकारियों खासतौर से प्रमुख सचिव नमामि गंगे और जल निगम ग्रामीण के प्रबंध निदेशक अनुराग श्रीवास्तव की सबसे प्रमुख भूमिका रही है। संजय सिंह ने कहा कि सत्ता और अहंकार के चलते कई बार इस मुद्दे को उठाने के बाद भी मंत्री ने घोटालों पर पर्दा डालने का काम किया। मंत्री खुद पाइप सप्लाई कंपनी रश्मि मेटलीक्स के प्रवक्ता की तरह मीडिया में सफाई दे रहे थे।
अगर मेरे आरोपों पर गंभीरता से मामले की जांच कराते तो सच सामने आ
जाता और उनकी प्रतिष्ठा भी बच जाती लेकिन जिस तरह मंत्री हर आरोप को सिरे
से खारिज करते रहे और विभाग में हो रहे घोटाले और भ्रष्टाचार पर पर्दा
डालते रहे उससे उनकी भी संलिप्तता जाहिर हो रही थी। यही वजह है कि हमारी
पार्टी के कार्यकर्ता अमित चोपड़ा ने सारे तथ्यों और आंकड़ों के साथ
साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी, लोकायुक्त
के यहां से अब विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी हो गया है और 7 अक्टूबर
तक उनसे लिखित जवाब मांगा गया है। संजय सिंह ने खुशी जाहिर की है कि वो और
उनकी पार्टी की तरफ से जल जीवन मिशन पर जो सवाल उठाए जा रहे थे आखिरकार
लोकायुक्त की जांच की शुरुआत हो गई है और आगे आने वाले दिनों में दूध का
दूध और पानी का पानी हो जाएगा। संजय सिंह ने फिर दोहराया कि पानी पिलाने
जैसे पुण्य काम में जिन लोगों ने भ्रष्टाचार और घोटाला किया है इस घोटाले
में शामिल दोषियों को जेल जाना ही पड़ेगा।