भगवान की प्राप्ति के तीन मार्ग हैं भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग


यह मनुष्य शरीर अत्यंत दुर्लभ होने पर भी हम सबको अनायास सुलभ हो गया है इस संसार सागर से पार जाने के लिए यह एक नौका है। भगवान की प्राप्ति के तीन मार्ग हैं भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग जो जीव इन्हें छोड़कर चंचल इंद्रियों के द्वारा क्षुद्र भोग भोगते रहते हैं, वे बार बार जन्म मृत्यु रूप संसार के चक्कर में भटकते रहते हैं।

अपने अपने अधिकार के अनुसार धर्म मे दृढ़निष्ठा रखना ही गुण कहा गया है और इसके विपरीत अनाधिकार चेष्टा करना ही दोष है गुण और दोषों दोनों की व्यवस्था अधिकार के अनुसार की जाती है, वस्तु के अनुसार नहीं।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

जेवर एयरपोर्ट बदल देगा यूपी का परिदृश्य

भाजपा का आचरण और प्रकृति दंगाई किस्म की है- अखिलेश यादव